कर्मचारी और कंपनियां दोनों ही समान रूप से अगले साल से हफ्ते में कुछ दिन दफ्तर और कुछ दिन घर से काम करने में दिलचस्पी दिखा रही हैं। उद्योग संगठन नैशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर ऐंड सर्विसेज कंपनीज (नैसकॉम) और नौकरियों से जुड़े पोर्टल इनडीड के एक सर्वेक्षण के मुताबिक अगले साल से 50 फीसदी कर्मचारी हफ्ते में तीन दिन के लिए दफ्तर आ सकते हैं।
रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार करीब 70 प्रतिशत से अधिक कंपनियों के लिए काम का हाइब्रिड मॉडल (घर और दफ्तर दोनों जगहों से काम करने वाला मॉडल) पसंदीदा विकल्प है। इस अध्ययन में यह भी पाया गया है कि आईटी से जुड़ी कंपनियां और वैश्विकक्षमता केंद्र (जीसीसी) लंबे समय तक के लिए हाइब्रिड वर्क मॉडल को जल्दी अपना सकते हैं। मुख्य रूप से कनिष्ठ और वरिष्ठ प्रबंधन से जुड़े लोग जिनमें 25 साल से कम और 40 साल से अधिक उम्र वाले कर्मचारी दफ्तर वापस लौटने के इच्छुक हैं। हालांकि प्रबंधन की मध्यम श्रेणी में शामिल कर्मचारियों ने दफ्तर में वापस लौटने की इतनी इच्छा नहीं जताई है। हालांकि 81 फीसदी से अधिक कंपनियों ने कहा कि दफ्तर को दोबारा खोलने का फैसला करते हुए भी उनके लिए कर्मचारियों की स्वास्थ्य सुरक्षा सबसे अहम है वहीं करीब 72 फीसदी कंपनियां अगले साल से अधिकतम 50 फीसदी कर्मचारी क्षमता के साथ काम करेंगी। रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि महिला कर्मचारी भी दफ्तर वापस लौटने को लेकर उत्साहित हैं और काम के नए मॉडल को अपना रही हैं।
नैसकॉम की अध्यक्ष देवयानी घोष ने कहा, ‘पिछले डेढ़ वर्षों में जिस तरह से तकनीकी संगठनों ने अपना कारोबार चलाया है उसमें बड़े पैमाने पर बदलाव आया है। उद्योग अब धीरे-धीरे के पहले की तरह काम शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए वे एक बेहतर हाइब्रिड परिचालन मॉडल पर काम कर रहे हैं जिसके तहत साइट और घर दोनों जगह से काम होगा। हम तकनीकी कंपनियों के कर्मचारियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए चरणबद्ध और सुरक्षित तरीके से काम फिर से शुरू करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।’
‘नैसकॉम रिटर्न टू वर्कप्लेस सर्वे’ शीर्षक वाली यह रिपोर्ट नैसकॉम द्वारा दफ्तरों में वापसी को लेकर किए गए सर्वेक्षण के आधार पर तैयार की गई है जो तकनीकी क्षेत्र के कर्मचारियों और तकनीकी कंपनियों की दफ्तर में काम शुरू करने की योजना से जुड़ा है। इस सर्वेक्षण का मकसद कार्यस्थल पर लौटने को लेकर दोनों पक्षों (नियोक्ताओं और कर्मचारियों) की अपेक्षाओं और तैयारी को समझने के साथ ही हाइब्रिड मॉडल के भविष्य के परिचालन मॉडल का विश्लेषण करना है। इस रिपोर्ट में कहा गया है, ‘कंपनियों और कर्मचारियों को अहसास हुआ है कि महामारी की वजह से दूर से काम करना पड़ा लेकिन इसके लिए कार्यस्थल की योजना के तौर पर कोई नजरिया नहीं बनाया गया है।’
