(बाएं से) श्रीनि पल्लिया, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, विप्रो और रिशद प्रेमजी, कार्यकारी चेयरमैन, विप्रो।
भारत के आईटी उद्योग के लिए व्यापक आर्थिक हालात ज्यादा खराब तो नहीं हुए हैं, लेकिन ये बेहतर भी नहीं हुए हैं। यह कहना है कि विप्रो के कार्यकारी चेयरमैन रिशद प्रेमजी का। उनका कहना है कि ग्राहक भू-राजनीतिक संघर्षों के साथ एडजस्ट कर रहे हैं। बेंगलूरु में कंपनी की 79वीं वार्षिक आम बैठक में उन्होंने कहा कि अनिश्चित माहौल ने ग्राहकों के गैर-जरूरी खर्च पर दबाव डाला है। अब लागत और वेंडर कंसोलिडेशन को प्राथमिकता दी जा रही है।
एक शेयरधारक के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ‘हालांकि यह बदतर नहीं हुआ है, लेकिन बेहतर भी नहीं हुआ है।’ प्रेमजी की यह बात बयान एचसीएल टेक के मुख्य कार्य अधिकारी और प्रबंध निदेशक सी विजयकुमार के बयान को दर्शाती है जिन्होंने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि अप्रैल में भारी गिरावट के डर के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था स्थिर रही है।
प्रेमजी ने पहले से तैयार बयान में कहा, ‘हमने लगातार बदलते बाहरी परिवेश में काम किया, जो बदलते टैरिफ, भू-राजनीतिक तनावों और एआई (आर्टिफिशल इंटेलिजेंस) जैसी तेजी से बढ़ती तकनीकी प्रगति से आकार ले रहा था। जेनरेटिव एआई (जेनएआई) कारोबारी रणनीति का केंद्र बन गया, उत्पादकता बढ़ाई, प्रक्रियाओं की पुनर्कल्पना की, विकास को रफ्तार दी और सार्थक अनुभव निर्मित किए।’
राजस्व के लिहाज से देश की चौथी सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी सेवा प्रदाता कंपनी विप्रो एआई-फर्स्ट कार्यबल का निर्माण करते हुए भविष्य की तैयारी कर रही है। कंपनी ने कहा कि उसके लगभग सभी कर्मचारियों ने जेनएआई में आधारभूत प्रशिक्षण पूरा कर लिया है और 87,000 से अधिक कर्मचारियों ने आधुनिक, भूमिका-विशिष्ट कौशल विकास हासिल किया है। मार्च के अंत तक कंपनी के कर्मचारियों की संख्या 2,33,346 थी।
यह कौशल विकास टैलेंट एट द रेट स्केल नामक कार्यक्रम के माध्यम से किया जाता है। इसमें अधिक मांग वाले कौशलों में उद्योग के अनुरूप प्रशिक्षण देने वाले उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने के लिए शैक्षणिक संस्थानों के साथ साझेदारी की गई है।
विप्रो के मुख्य कार्य अधिकारी श्रीनि पल्लिया ने कहा कि कंपनी क्वांटम, एजेंटिक एआई, साइबर रेजिलिएंस, रोबोटिक्स और ब्लॉकचेन जैसी ‘अग्रणी तकनीकों’ पर काम कर रही है। उन्होंने कहा, ‘हम परामर्श आधारित, एआई संचालित समाधानों के जरिये लगातार प्रभाव पैदा कर रहे हैं। हमारी टीमें अब कार्य योजना तैयार करके, एआई के अवसरों की पहचान करके और कारोबारी लक्ष्यों के साथ तालमेल बिठाकर परिवर्तन के इस सफर में पहले ही शामिल हो गई हैं।’
पल्लिया ने कहा, ‘ये समाधान बीएफएसआई, उपभोक्ता, ऊर्जा, विनिर्माण और संसाधन, प्रौद्योगिकी और संचार तथा स्वास्थ्य क्षेत्र में फैले हुए हैं। विभिन्न उद्योगों की पेशकशें बड़े स्तर पर परिवर्तन की जटिल आवश्यकताओं को पूरा करने की हमारी क्षमता को और मजबूत करती हैं।’ एक अन्य शेयरधारक को जवाब देते हुए प्रेमजी ने कहा कि विप्रो के लगभग 37 प्रतिशत कार्यबल में महिलाएं हैं।