ब्रिटेन की दूरसंचार दिग्गज वोडाफोन पीएलसी ने बुधवार को टावर मैनेजमेंट कंपनी इंडस टावर्स के 48.47 करोड़ शेयर यानी 18 फीसदी हिस्सेदारी ब्लॉक डील के जरिये बेचकर 15,300 करोड़ रुपये जुटा लिए। जेपी मॉर्गन के अनुसार यह रकम वोडाफोन समूह के मौजूदा लेनदारों के कर्ज भुगतान में जाएगी लेकिन इंडस टावर्स को खुद 4,250 करोड़ रुपये से कम रकम मिलेगी।
हिस्सेदारी बिक्री के बाद इंडस टावर्स में वोडाफोन पीएलसी की हिस्सेदारी 21.5 फीसदी से घटकर 3.1 फीसदी रह गई है। भारती एयरटेल ने एक्सचेंजों को सूचित किया है कि उसने 2.89 करोड़ शेयर यानी इंडस टावर्स की 1 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया है और कंपनी की कुल हिस्सेदारी अब करीब 49 फीसदी हो गई है।
वोडाफोन पीएलसी ने कहा, उसे कुल 153 अरब रुपये यानी 1.7 अरब यूरो हासिल हुए हैं। इसका इस्तेमाल वोडाफोन के मौजूदा लेनदारों के कर्ज को चुकाने में होगा जो वोडाफोन की भारतीय परिसंपत्तियों के बदले ली गई 1.8 अरब यूरो की उधारी से संबंधित है। जेपी मॉर्गन ने आज कहा कि इंडस टावर्स का वोडाफोन पीएलसी की मूल 21 फीसदी हिस्सेदारी को इंडस टावर्स ने भी गिरवी रखा है।
उन्होंने इंडस टावर्स के मुख्य वित्तीय अधिकारी विकास पोद्दार के साथ बैठक के बाद यह बात कही। विश्लेषक नोट में उसने कहा कि बिक्री के बाद वोडाफोन पीएलसी सबसे पहले प्राथमिक गिरवीदारों के बकाये का भुगतान करेगी और बाकी रकम इंडस टावर्स के बकाए में जाएगी जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर अधिकतम 4,250 करोड़ रुपये हो सकती है।
भारती इन्फ्राटेल और इंडस टावर्स के विलय के दौरान तय सिक्योरिटी पैकेज में इस बात पर सहमति थी कि वोडाफोन पीएलसी की इंडस टावर्स में 21 फीसदी हिस्सेदारी उसके लेनदारों की तरफ से प्राथमिक गिरवी थी, जो वोडाफोन पीएलसी की तरफ से 2019 में आइडिया के राइट्स इश्यू में भागीदारी के लिए लिए गए 1.4 अरब डॉलर के कर्ज के बदले थी।
पोद्दार ने जेपी मॉर्गन के विश्लेषकों से कहा कि इंडस टावर्स जनवरी 2023 से हर महीने वोडाफोन आइडिया से 100 फीसदी रिसीवेबल्स संग्रहित कर रही थी और वित्त वर्ष 24 की तीसरी व चौथी तिमाही में वह 100 फीसदी से ज्यादा संग्रहित करने में कामयाब रही, जिसकी वजह संदिग्ध कर्ज के प्रावधान में आई थोड़ी कमी थी।
जेपी मॉर्गन ने एक नोट में कहा है कि वोडाफोन की तरफ से जुटाई गई इक्विटी का इस्तेमाल सिर्फ पूंजीगत खर्च पर हो सकता है, न कि वेंडरों के बकाये के निपटान में। ऐसे में इंडस टावर्स वोडाफोन आइडिया के साथ इंडस टावर्स के 54 अरब के बकाया भुगतान पर एक योजना को लेकर चर्चा करती रही है।
इंडस टावर्स का शेयर कारोबारी सत्र के दौरान 3.6 फीसदी गिरा, लेकिन अंत में 334 रुपये पर बंद हुआ। वहीं वोडाफोन आइडिया का शेयर 0.3 फीसदी चढ़ा। पोद्दार ने कहा कि पूंजीगत खर्च कंपनी के मुक्त नकदी प्रवाह पर दबाव बनाएगा।