विश्व के सबसे बड़े पेमेंट कार्ड नेटवर्क वीजा इंक ने अमेरिका में आईपीओ के जरिए मंगलवार को रिकार्ड 17.9 अरब डॉलर की उगाही की है। कंपनी की ओर से जारी बयान के अनुसार प्रति शेयर 44 डॉलर के मूल्य पर वीजा के 40.6 करोड़ शेयर बेचे गए हैं।
यह कीमत उस मूल्य से भी दो डॉलर अधिक है जिसका जिक्र वीजा के प्रोस्पेक्टस में किया गया था। कंपनी के इस आईपीओ ने 2000 में एटीएंडटी वायरलेस ग्रुप के आईपीओ को भी पीछे छोड़ दिया है, जिसके जरिए 10.6 अरब डॉलर जुटाए गए थे। वीजा का यह आईपीओ विश्व का दूसरा सबसे बड़ा आईपीओ बन गया है। पहले नंबर पर 2006 में इंडस्ट्रियल एंड कॉमर्स बैंक ऑफ चाइना लि. का आईपीओ है जिसके जरिए रिकार्ड 22 अरब डॉलर की राशि जुटाई गई थी। वीजा के इस आईपीओ से अमेरिकी शेयर बाजारों में भी उत्साह देखने को मिला।
मंगलवार को शेयर बाजारों ने पिछले पांच वर्षों की सबसे जोरदार वापसी की। वीजा के आईपीओ को मिले इस जारेदार समर्थन से देश में ठंडे पड़े आईपीओ बाजार में फिर से रौनक मिलने की उम्मीद है। वर्ष 2008 में अब तक 136 कंपनियों ने आईपीओ के जरिए 17.6 अरब डॉलर की रकम जुटाई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 42 फीसदी कम है।
वीजा अपने कार्ड के जरिए किसी तरह का ऋण उपलब्ध नहीं कराती है बल्कि कंपनी केवल पैसों के ट्रांसैक्षन का काम देखती है। बोस्टन में वित्तीय सेवा कंसल्टेंसी फर्म एलीट ग्रुप एलएलसी ने कहा कि वीजा के काम करने का तरीका अनोखा है। कंपनी ऋण देने जैसे जोखिम वाले कामों में हाथ नहीं डालती है। ऐसा कर कंपनी काफी हद तक नुकसान से बची रहती है। हालांकि कंपनी क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड के जरिए उपभोॠताओं को अपनी ओर खींचने का प्रयास कर रही है। गौरतलब है कि वीजा की ए श्रेणी के शेयर न्यूयार्क शेयर बाजार में बुधवार से कारोबार करना शुरू करेंगे।