वेदांत समूह लगभग 10,000 करोड़ रुपये की लागत से भारत के तटीय क्षेत्र में एक नया कॉपर स्मेल्टर संयंत्र स्थापित करने की संभावनाएं तलाश रहा है। यह खबर ऐसे समय में आई है जब तमिलनाडु में समूह का तांबा संयंत्र स्थानीय विरोध के कारण करीब तीन साल से बंद है। इससे कंपनी को रोजाना करीब 5 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। साल 2018 में स्थानीय लोगों के विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा गोली चलाए जाने के कारण 13 लोगों की मौत हो गई थी। उसके बाद से ही संयंत्र बंद पड़ा है।
वेदांत के प्रवक्ता ने कहा आने वाले वर्षों में भारत की तांबा जरूरतें काफी बढऩे वाली हैं। इलेक्ट्रिक वाहन, त्वरित स्वचालित परिवहन एवं स्वच्छ ऊर्जा जैसी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के सफल कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए तांबे की पर्याप्त आपूर्ति महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘इसलिए हम आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने में मदद के लिए सरकार के साथ उपयुक्त भागीदारी की संभावनाएं तलाश रहे हैं। साथ ही हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि एक अत्याधुनिक तांबा विनिर्माण संयंत्र के जरिये हमारे देश को तांबे की पर्याप्त आपूर्ति बनी रहे। इस संयंत्र के लिए परिचालन एवं पर्यावरण संबंधी मानदंड
दुनिया के बेहतरीन मानदंडों के अनुरूप होगा।’
उद्योग और मीडिया दोनों के जरिये लोगों को भलीभांति पता है कि हमारे मौजूदा संयंत्र के बेवजह और लंबे समय से बंद होने के कारण आयात और आजीविका पर उल्लेखनीय प्रभाव पड़ा है। इस संयंत्र के बंद होने के बाद भारत पिछले 18 वर्षों में पहली बार तांबे का शुद्ध आयातक देश बन गया और तांबे के आयात में तिगुना वृद्धि हुई जबकि निर्यात 90 फीसदी तक घट गया। हम इसके स्थायी समाधान के लिए सभी कानूनी विकल्प तलाश रहें हैं।
वेदांत रिसोर्सेज की सहायक कंपनी वेदांत लिमिटेड ने भारत के तटीय क्षेत्र में एक कॉपर स्मेल्टर संयंत्र स्थापित करने के लिए राज्य सरकारों से अभिरुचि पत्र (ईओआई) आमंत्रित किया है। प्रस्तावित संयंत्र की क्षमता 5 लाख टन सालाना होगी। इसके लिए करीब 1,000 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी। साथ ही वह भूमि रेल के कन्वेयर/ कॉरिडोर और सड़क मार्ग से जुड़ी होनी चाहिए ताकि 5 एमटीपीए माल की आवाजाही सुनिश्चित हो सके।
ईओआई के अनुसार, इस मेगा परियोजना पर लगभग 10,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा जिससे प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष तौर पर 10,000 लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे। इससे सरकारी खजाने में सालाना करीब 3,000 करोड़ रुपये का योगदान होगा।