अनिल अग्रवाल के नियंत्रण वाले वेदांत समूह ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल औद्योगिक विकास निगम (डब्ल्यूबीआईडीसी) के साथ 20 हजार करोड़ रुपये की एल्युमिनियम और विद्युत परियोजना के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
इस परियोजना के तहत बर्दवान जिले में 6.5 लाख टन का स्मेल्टर और 3,000 मेगावाट का विद्युत संयंत्र स्थापित किया जाएगा। पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य की मौजूदगी में इस सौदे पर हस्ताक्षर किए गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार वेदांत समूह परियोजना वाले इलाके में एक मेटल पार्क विकसित करेगा। इस इलाके में एक स्मेल्टर संयंत्र और विद्युत संयंत्र शुरू होगा।
इस परियोजना के लिए 1000 एकड़ भूमि की जरूरत है जिसमें से 270 एकड़ का भूखंड वेदांत समूह के पास पहले से ही मौजूद है। डब्ल्यूबीआईडीसी इस भूमि को अधिग्रहित करेगी।
अग्रवाल के अनुसार सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अतिरिक्त भूमि उचित कीमत पर उपलब्ध है। तीन वर्षों के अंदर इस संयंत्र का संचालन शुरू हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि 1500 मेगावाट अपने इस्तेमाल के लिए होगा और बाकी की आपूर्ति मेटल्स पार्क को की जाएगी।
परियोजना के लिए एल्युमिना वेदांत की उड़ीसा स्थित लंजीगढ़ खदानों से लाया जाएगा। अग्रवाल ने कहा कि इस परियोजना के लिए कोयला उपलब्धता के लिहाज से भी समूह ने पश्चिम बंगाल पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया है।
इस परियोजना से 2500 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार हासिल होगा। अग्रवाल ने कहा, ”इसका अप्रत्यक्ष प्रभाव भी बड़े पैमाने पर दिखेगा।”
इसके अलावा मेटल पार्क लघु एवं मझोले उद्यमियों के लिए रोजगार के अवसर सृजित करेगा। वेदांत परियोजना राज्य में पहली सबसे बड़ी एल्युमिनियम परियोजना है।
भट्टाचार्य ने कहा, ”हम इस्पात, एल्युमिनियम, ऑटोमोबाइल्स और टेक्सटाइल में अपने अतीत के गौरव को पुनर्जीवित करना चाहते हैं।”
पश्चिम बंगाल सरकार को इस्पात क्षेत्र में 100,000 करोड़ रुपये से अधिक के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।