कंपनियां

अनिल अग्रवाल की वेदांता का होगा डीमर्जर: कंपनी को NCLT से मिली पांच इकाइयों में बंटवारे की मंजूरी

इस साल फरवरी में अनिल अग्रवाल की अगुवाई वाली वेदांता को शेयरधारकों और कर्जदारों से इस योजना की मंजूरी मिल चुकी थी

Published by
बीएस वेब टीम   
Last Updated- December 16, 2025 | 4:54 PM IST

वेदांता लिमिटेड को मंगलवार को मुंबई की नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) से बड़ी राहत मिली। कोर्ट ने कंपनी को तेल से लेकर धातु तक के कारोबार को पांच अलग-अलग इकाइयों में बांटने की मंजूरी दे दी है।

न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी के एक प्रवक्ता ने बताया कि अब वे इस डीमर्जर योजना को लागू करने के लिए जरूरी कदम उठाएंगे। उनके मुताबिक, ये मंजूरी कंपनी के लिए बहुत अहम है, क्योंकि इससे अलग-अलग सेक्टर में मजबूत कंपनियां बनेंगी, जिनकी अपनी रणनीति और पूंजी व्यवस्था होगी। कंपनी का इरादा है कि ये पूरा बंटवारा 31 मार्च 2026 तक कर लिया जाए।

इस साल फरवरी में अनिल अग्रवाल की अगुवाई वाली वेदांता को शेयरधारकों और कर्जदारों से इस योजना की मंजूरी मिल चुकी थी। असल में ये प्लान 2023 में शुरू हुआ था, जब 2020 में कंपनी को प्राइवेट बनाने की कोशिश नाकाम हो गई थी।

Also Read: राजस्थान बनेगा ‘मिनरल हब’, Vedanta करेगी ₹1 लाख करोड़ का निवेश

पांच नई कंपनियां बनेंगी

बंटवारे से वेदांता एल्यूमिनियम, वेदांता ऑयल एंड गैस, वेदांता पावर, वेदांता आयरन एंड स्टील और वेदांता लिमिटेड नाम की पांच नई कंपनियां बनेंगी। आखिरी वाली में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी जिंक उत्पादक और तीसरी सबसे बड़ी सिल्वर उत्पादक इकाई शामिल होगी।

कंपनी की डीमर्जर स्कीम के अनुसार, जब ये प्रक्रिया पूरी हो जाएगी तो हर वेदांता शेयरधारक को चार नई कंपनियों में से हरेक में एक-एक अतिरिक्त शेयर मिलेगा।

First Published : December 16, 2025 | 4:40 PM IST