दुनिया की अग्रणी निवेश प्रबंधन कंपनियों में शामिल वैनगार्ड ने हैदराबाद में अपने ग्लोबल वैल्यू सेंटर (जीवीसी) की आधिकारिक शुरुआत का आज ऐलान किया। यह कंपनी के तकनीकी परिवर्तन में बड़ी उपलब्धि का प्रतीक है। यह केंद्र भारत और विशेष रूप से तेलंगाना को नवाचार, प्रतिभा विकास और डिजिटल परिवर्तन के लिए रणनीतिक केंद्र के रूप में वैनगार्ड की मान्यता दर्शाता है। यह केंद्र 5,00,000 वर्ग फुट से ज्यादा के क्षेत्र में फैला हुआ है और चार साल में 2,000 से ज्यादा कर्मचारी शामिल होने की उम्मीद है।
वैनगार्ड के वैश्विक मुख्य सूचना अधिकारी नितिन टंडन ने कहा, ‘हैदराबाद प्रतिभा और महत्त्वाकांक्षाओं से भरपूर फलते-फूलते तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र का प्रतिनिधित्व करता है, जो हमारे निवेशकों को विश्वस्तरीय डिजिटल अनुभव प्रदान करने की वैनगार्ड की प्रतिबद्धता बताता है। हम हैदराबाद में अपना नया तकनीकी केंद्र खोलने और अपने नए वैनगार्ड इंडिया क्रू सदस्यों का स्वागत करने के लिए उत्साहित हैं। यह तकनीकी केंद्र इस क्षेत्र में हमारे दशक भर के सहयोग पर आधारित है और हमारे मिशन के समर्थन में नवाचार को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा।’
तेलंगाना सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिकी, संचार, उद्योग एवं विधायी मामलों के मंत्री दुदिला श्रीधर बाबू ने वैनगार्ड के जीवीसी का उद्घाटन किया और कंपनी की नेतृत्व टीम से मुलाकात की।
12.5 लाख करोड़ डॉलर से अधिक की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों वाली वैनगार्ड दुनिया की सबसे बड़ी परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी है और वैश्विक वित्तीय क्षेत्र के उन अग्रणी समूहों में शामिल हो गई है, जिन्होंने हैदराबाद को अपने नवाचार केंद्र के रूप में चुना है।
इस शहर में अब दुनिया की सभी सात प्रमुख परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों की मौजूदगी है। इनमें वैनगार्ड (12.5 लाख करोड़ डॉलर), स्टेट स्ट्रीट ग्लोबल एडवाइजर्स (5.12 लाख करोड़ डॉलर) और जेपी मॉर्गन ऐसेट मैनेजमेंट (3.7 लाख करोड़ डॉलर) शामिल हैं। इनके अलावा गोल्डमैन सैक्स (3.2 लाख करोड़ डॉलर), इन्वेस्को (2 लाख करोड़ डॉलर), यूबीएस (1.6 लाख करोड़ डॉलर) और फ्रैंकलिन टेम्पलटन (1.5 लाख करोड़ डॉलर) जैसी अन्य प्रमुख कंपनियां भी यहां पर मौजूद हैं।