भारत की प्रख्यात एडटेक फर्म बैजूस में संकट गहरा गया। कंपनी अपने उन्हीं निवेशकों के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है जिन्होंने उसमें अरबों रुपये लगाए थे। यह संकट कैसे दूर होगा, यह देखना बाकी है, लेकिन स्टार्टअप जगत में इसके प्रभाव के बारे में चर्चाएं तेज हो गई हैं।
एक समय भारत के बेहद मूल्यवान स्टार्टअप समझी जाने वाली बैजूस को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिनमें नकदी किल्लत, वित्तीय रिपोर्टिंग में विलंब और ऋणदाताओं के साथ कानूनी विवाद मुख्य रूप से शामिल हैं। वह अब राइट इश्यू के जरिये 23 से 25 करोड़ डॉलर के मूल्यांकन पर 20 करोड़ डॉलर जुटा रही है। यह मूल्यांकन 2022 में 22 अरब डॉलर था।
कंपनी द्वारा हाल में वित्त वर्ष 2022 के आंकड़े पेश किए गए हैं जो चिंताजनक हैं। बैजूस की आय वित्त वर्ष 2022 में बढ़कर 5,298.43 करोड़ रुपये रही। लेकिन उसका नुकसान भी बढ़कर 8,245.2 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। वित्त वर्ष 2022 में कंपनी का कुल खर्च 94 प्रतिशत बढ़कर 13,668.44 करोड़ रुपये हो गया।
एक अधिकारी ने कहा, ‘ऐसे में आप ज्यादा खर्च कैसे कर सकते हैं।’ उन्होंने कहा कि निवेशक यह उम्मीद लगाए बैठे हैं कि कंपनी का अस्तित्व बना रहे जिससे कि उनका कुछ पैसा मिल सके।
इस बीच, उद्योग बैजू रवींद्रन से हैरान है। एक ई-कॉमर्स स्टार्टअप के संस्थापक ने नाम नहीं छापने के अनुरोध पर बताया, ‘मुझे बैजू से सहानुभूति नहीं है, क्योंकि ईमानदारी के साथ खिलवाड़ हुआ है और इस वजह से वे सहानुभूति के हकदार नहीं हैं। मुझे खुशी है कि अब कुछ जवाबदेही है, जो स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए एक अच्छा संकेत है। इससे न केवल बड़े स्टार्टअप बल्कि आगामी संस्थापकों को भी सही संदेश जाएगा।’
संस्थापक और निवेशकों के बीच असहमति वर्ष 2023 से बनी हुई है। इस टकराव की शुरुआत ऑडीटर डेलॉयट के इस्तीफे से हो गई थी।
कई लोग इस पर चकित हैं कि निवेशकों ने ईजीएम बुलाए जाने के लिए इतना लंबा वक्त क्यों लिया। प्रोसस के नेतृत्व में प्रमुख शेयरधारकों के कंसोर्टियम ने 1 फरवरी 2024 को बैजूस को नोटिस भेजकर मौजूदा समस्याएं दूर करने के लिए ईजीएम आयोजित करने की मांग की।
एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘बैजूस में जो हुआ है वह किसी के लिए आश्चर्यजनक नहीं है और एक कंपनी में समस्या का मतलब यह नहीं है कि इस वजह से पूरे स्टार्टअप तंत्र को ज्यादा सुरक्षित बनाने की जरूरत होगी।’
संकटग्रस्त एडटेक कंपनी बैजूस के संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी बैजूस रवींद्रन ने कहा है कि कंपनी ने पिछले दो दिनों में कर्मचारियों को जनवरी के पूरे लंबित वेतन का भुगतान कर दिया है। 4 फरवरी को भेजे एक पत्र में कर्मचारियों को यह जानकारी दी गई है। बैजूस में तकरीबन 15,000 कर्मचारी हैं।
पत्र में रवींद्रन ने कहा ‘मुझे पता है कि आपसे कहा गया था कि आपको सोमवार तक वेतन मिल जाएगा। आप में से कई लोगों ने मुझे लिखा है कि आपको और इंतजार करने में कोई दिक्कत नहीं होगी क्योंकि आप जानते हैं कि मैं किस दौर से गुजर रहा हूं।’
पत्र में उन्होंने आगे कहा ‘लेकिन आपको सोमवार तक का भी इंतज़ार नहीं करना पड़ा। मैं वेतन देने के लिए महीनों से भरसक प्रयास कर रहा हूं और इस बार यह सुनिश्चित करने के लिए संघर्ष और भी बड़ा था कि आपको वह मिले जिसके आप हकदार हैं।’
नकदी संकट से जूझ रही एडटेक फर्म बैजूस ने शुक्रवार को कर्मचारियों को संबोधित करते हुए एक आंतरिक संदेश में ‘कुछ निवेशकों’ पर निशाना साधा था, जिसमें दावा किया गया कि वे कंपनी के खिलाफ साजिश रच रहे हैं और संकट के समय में संस्थापक बैजूस रवींद्रन को हटाना चाह रहे हैं।