सिंगापुर की कैपिटलैंड और शापूरजी पलोनजी की निजी इक्विटी शाखा जैसे कुछ बड़े निवेशक/डेवलपर डेटा सेंटर के क्षेत्र में उतरने की तैयारी कर रही हैं, जिससे इस तरह की संपत्तियों की बढ़ती मांग में संभावनाएं तलाशी जा सकें।
इस मामले से जुड़े सूत्रों ने कहा कि कैपिटलैंड चेन्नई में डेटा सेंटर स्थापित करने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि कैपिटलैंड चेन्नई के अंबाट्टुर इलाके में 5 एकड़ जमीन खरीदने के अंतिम चरण में है। चेन्नई के इस इलाके में जमीन की कीमत 12 से 15 करोड़ रुपये प्रति एकड़ है। सूत्रों ने कहा, ‘वे देश के प्रमुख शहरों में डेटा सेंटर स्थापित करना चाहते हैं और महानगरों पर शुरुआती ध्यान होगा।’
इस सिलसिले में कैपिटलैंड को भेजे गए मेल पर कोई उचित प्रतिक्रिया नहीं मिली। डेवलपर मुंबई के नवी मुंबई इलाके में भी जमीन खरीदने पर विचार कर रहा है। भारत में कैपिटलैंड के 20 से ज्यादा कारोबार और आईटी पार्क, औद्योगिक लॉजिंग और लॉजिस्टिक प्रॉपर्टीज 7 शहरों- बेंगलूरु, चेन्नई, गोवा, गुडग़ांव, हैदराबाद, मुंबई और पुणे में है।
वहीं सूत्रों ने कहा कि शपूरजी पनोनजी इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स भी इस क्षेत्र में आने को इच्छुक है। सूत्रों ने कहा कि फंड प्रबंधक ने पहले ही कुछ बड़े निवेशकों से बात करना शुरू कर दिया है, जिससे इस उद्यम के लिए धन जुटाया जा सके।
एसपी इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी राजेश अग्रवाल ने कहा, ‘हमारे पास सबसे विश्वसनीय डेटा सेंटर बनाने वाली कंपनी स्टर्लिंग विल्सन है, जिसने भारत में टियर-4 प्रमाणित डेटा सेंटर बनाए हैं। हमारी योजना है कि इस विशेषज्ञता का लाभ उठाते हुए डेटा सेंटर डिलिवरी प्लेटफॉर्म विकसित किया जाए, जो हाइपरस्केल के साथ को-लोकेशन क्लाइंट्स दोनों की जरूरतें पूरी कर सके।’
हीरानंदानी, पूर्वांकरा, डीएलएफ और अन्य ने भी डेटा सेंटर के लिए उद्यम का गठन किया है। हीरानंदानी समूह ने पिछले साल कहा था कि कंपनी ने अगले 3 साल में डेटा सेंटर और औद्योगिक पार्क बनाने के लिए करीब 8,500 करोड़ रुपये निवेश की योजना बनाई है। देश के सबसे बड़े डेवलपर डीएलएफ ने भी इस क्षेत्र में कदम रखा है। पिछले साल एक रिपोर्ट में कहा गया था कि कंपनी नोएडा में डेटा सेंटर विकसित करने के लिए 130 करोड़ रुपये निवेश कर रही है।