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मजबूत वित्तीय सेवा कंपनी बनने पर रहेगा जोर, REL चेयरमैन ने बताया क्या है विकास की योजना

रेलिगेयर एंटरप्राइजेज (आरईएल) की कार्यकारी चेयरमैन र​श्मि सलूजा ने मनोजित साहा के साथ बातचीत में कंपनी की विकास योजनाओं के बारे में बताया। आरईएल की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक इकाई रेलिगेयर फिनवेस्ट ने 400 करोड़ रुपये का भुगतान कर 16 ऋणदाताओं के साथ एकमुश्त निपटान की प्रक्रिया पूरी की है। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश:

Published by   मनोजित साहा
- 22/03/2023 9:02 PM IST

ऋणदाताओं को सभी बकाया का भुगतान किया जा चुका है, और क्या अब आपको जल्द ही अदेयता प्रमाण पत्र मिल जाएगा, कंपनी की विकास योजनाएं क्या हैं?

ओटीएस ने करीब चार साल का सफर तय किया है। इस अव​धि के दौरान हम आरईएल और उसकी सहायक इकाइयों के लिए पहले ही योजनाएं तैयार कर चुके हैं। आरईएल एक मुख्य निवेश कंपनी है। वह अपनी सहायक इकाइयों में निवेश कर रही है और विकास के लिए खास महत्वपूर्ण निवेश करने को स्वतंत्र है। हमारी चार सहायक इकाइयां हैं – केयर हेल्थ इंश्योरेंस, आरएफएल, रेलिगेयर ब्रोकिंग (सबसे पुरानी कंपनी) और रेलिगेयर हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनैंस कॉरपोरेशन।

आपको आरबीआई के पीसीए ढांचे से कब तक बाहर निकलने की उम्मीद है?

आरबीआई अपनी नियामकीय प्रक्रियाओं को लेकर पूरी तरह स्पष्ट है। सुधारात्मक कार्रवाई ढांचे से बाहर हाने वाली किसी कंपनी उसकी प्रक्रियाओं से गुजरना होता है।

मुझे उम्मीद है कि जब ऋणदाताओं से कर्ज को लेकर अनाप​त्ति प्रमाण पत्र मिल जाएगा तो हम सीमा हटाने के लिए आवेदन करने में सक्षम होंगे। इसमें एक-डेढ़ महीना लग सकता है।

आपने क्यूआईपी के जरिये 600-700 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है। यह कब तक पूरा होने का अनुमान है?

हम एक ऐसी संपूर्ण वित्तीय सेवा कंपनी बनना चाहते हैं, जिसके लिए हमारे पास कुछ अनुमान और लक्ष्य हैं, जो परिसंप​त्ति पुनर्निर्माण, वै​क​ल्पिक निवेश फंडों, परिसंप​त्ति प्रबंधन, और अन्य समान व्यवसायों से जुड़े हुए हैं। इसके लिए हमें पूंजी की जरूरत हे। हम करीब 600-700 करोड़ रुपये जुटाने की संभावना तलाश रहे हैं। हम अपनी योजनाओं से मौजूदा शेयरधारकों और संभावित शेयरधारकों को जोड़ेंगे। आरबीआई की सीमा हटने के बाद इसमें तीन से चार महीने लगेंगे।

क्या आपको कुछ मौजूदा प्रवर्तकों द्वारा हिस्सेदारी बढ़ाने की उम्मीद है?

जब हम तरजीही राउंड या क्यूआईपी लाएंगे, पहला कार्य उन शेयरधारकों के पास जाना होगा, जो अच्छे और बुरे समय में हमारे साथ रहे हैं। यदि वे इसमें भागीदार बनते हैं और अपनी शेयरधारिता बढ़ाते हैं तो हमें बेहद खुशी होगी। हम रेलिगेयर में अन्य संस्थागत निवेशकों की भागीदारी के लिए भी स्वतंत्र हैं, बशर्ते कि वे कंपनी में भरोसा रखते हों। आरएफएल को छोड़कर, सभी कंपनियां मुनाफे में आ गई हैं और अपने अपने क्षेत्रों में अग्रणी हैं।

आरएफएल के लिए विकास योजनाएं क्या हैं?

कंपनी को मजबूत बनाना जरूरी है। जब यह पूरी तरह सक्षम बन जाएगी जो एक प्रमुख परियोजना पर काम करेगी। मुख्य मकसद अच्छा बहीखाता बनाना, एमएसएमई क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करना है। हम स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र पर भी उत्साहित हैं। इसके अलावा कृ​षि क्षेत्र को लेकर भी उम्मीदें हैं।

अगले साल से हम बाजारों और बैंकों तक पहुंच बढ़ाएंगे। हमें लगातार बैंकों की मदद की जरूरत होगी, क्योंकि कच्चा माल महत्वपूर्ण पूंजी है। हम किसी तरह की जल्दबाजी में नहीं हैं। यह वर्ष ​​स्थिरता वाला है और अगला वर्ष वृद्धि से जुड़ा होगा।
ब्रोकिंग के संदर्भ में, हमने आईपीओ के लिए दो वर्ष का लक्ष्य रखा है।