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भारत में टेमासेक लगा चुकी 50 अरब डॉलर, हल्दीराम और मणिपाल जैसे ब्रांड पर नजर

भारत अब टेमासेक के शीर्ष-3 वैश्विक निवेश स्थल में से एक है। पिछले 10 साल में फर्म ने वित्तीय सेवाओं, उपभोक्ता और हेल्थकेयर सहित विभिन्न क्षेत्रों में आवंटन बढ़ाया है।

Published by
देव चटर्जी   
अंजलि सिंह   
Last Updated- July 14, 2025 | 10:36 PM IST

सिंगापुर सरकार के स्वामित्व वाली निवेश फर्म टेमासेक होल्डिंग्स ने मार्च 2025 तक भारत में अपना निवेश बढ़ाकर 50 अरब डॉलर से अधिक कर दिया है। एक साल पहले फर्म का भारत में निवेश 37 अरब डॉलर था। यह देश के दीर्घकालिक आर्थिक विकास में कंपनी के विश्वास को दर्शाता है। सिंगापुर के निवेश फर्म के एक वरिष्ठ अ​धिकारी ने बातचीत में कहा कि कंपनी भारत में सालाना 3 से 4 अरब डॉलर का निवेश करने की योजना बना रही है।

टेमासेक के भारत और रणनीतिक पहल के प्रमुख रवि लांबा ने कहा, ‘हम दीर्घकालिक निवेशक हैं। शुरुआती चरण की कंपनियों और उद्यमियों के साथ उनकी विकास, आईपीओ और बाजार में नेतृत्व करने तक की यात्रा में साझेदारी करने का हमारा मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड है। इटर्नल (पूर्व में जोमैटो) और पॉलिसीबाजार इसके कुछ उदाहरण हैं।’

टेमासेक ने इसी साल 1 अरब डॉलर में हल्दीराम फूड्स में 10 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया है। लांबा ने कहा, ‘हमारा दीर्घकालिक दृष्टिकोण हमें दूसरों से अलग करता है।’ भारत अब टेमासेक के शीर्ष तीन वैश्विक निवेश स्थल में से एक है। पिछले एक दशक में फर्म ने वित्तीय सेवाओं, उपभोक्ता, टेक्नॉलजी और हेल्थकेयर सहित विभिन्न क्षेत्रों में आवंटन बढ़ाया है।

लांबा ने कहा, ‘हम चुनौतियों का समाधान करने और मूल्य बढ़ाने के लिए साझेदारी करते हैं और अपने निवेशकों के साथ मिलकर काम करते हैं।’50 अरब डॉलर के निवेश के साथ भारत अब सिंगापुर और अमेरिका के साथ टेमासेक के सबसे महत्त्वपूर्ण बाजारों में से एक बन गया है।

अमेरिका की निजी इक्विटी फर्म ब्लैकस्टोन ने भी भारत में 50 अरब डॉलर निवेश का आंकड़ा छू लिया है और कंपनी अगले पांच वर्षों में इसे दोगुना करने की योजना बना रही है। कनाडा की ब्रुकफील्ड ने भी भारत में अगले पांच वर्षों में अपने निवेश को मौजूदा 31 अरब डॉलर से तीन गुना करने की योजना का संकेत दिया है।

लांबा ने कहा, ‘हमारा लक्ष्य भारत और विश्व स्तर पर एक लचीला और दूरदर्शी पोर्टफोलियो बनाना है जो लंबे समय में स्थायी रिटर्न प्रदान करे।’ टेमासेक की बढ़ती उपस्थिति भारत के वृहद अर्थव्यवस्था के बुनियादी तत्वों, जनसांख्यिकीय रुझानों और डिजिटल इन्फ्रा में बढ़ते संस्थागत विश्वास को रेखांकित करती है।

भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ता पर लांबा ने कहा कि इससे भारत में टेमासेक के पोर्टफोलियो पर असर पड़ने की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा, ‘हमारी अधिकांश कंपनियां भारत के घरेलू बाजार पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं और वैश्विक स्तर पर शुल्क में बदलाव से अछूती हैं।’

निवेश निकालने के बारे में लांबा ने कहा कि मजबूत इक्विटी बाजारों ने लाभदायक परिणाम दिए हैं। उन्होंने कहा, ‘निजी इक्विटी फर्मों की तरह हमारी कोई पूर्व निर्धारित समयसीमा नहीं है। हम आईपीओ के बारे में तब सोचते हैं जब कंपनियां तैयार होती हैं और समय और मूल्यांकन मौजूदा और नए दोनों शेयरधारकों के अनुकूल होते हैं।’

टेमासेक मणिपाल हॉस्पिटल्स और हल्दीराम जैसी कंपनियों के आईपीओ लाने की योजना पर विचार कर रही है। निवेश पर रिटर्न के बारे में लांबा ने कहा कि फर्म उच्च जो​खिम पर भी निवेश करती है, जिसका अर्थ यह है कि कंपनी ज्यादा रिटर्न चाहती है। लांबा ने कहा, ‘लंबी अवधि में हमारे पोर्टफोलियो ने सालाना 15 फीसदी रिटर्न दिया है।’

First Published : July 14, 2025 | 10:15 PM IST