वोडाफोन आइडिया अपने पूंजीगत व्यय चक्र के वित्त पोषण के लिए अल्पावधि समाधान के रूप में गैर-बैंकिंग स्रोतों पर विचार कर रही है, क्योंकि बैंकों को अभी समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) के मुद्दे पर स्थिति स्पष्ट होने का इंतजार है और उनके ऋण में समय लग सकता है। यह बात सोमवार को कंपनी की आय संबंधी समीक्षा बैठक में कंपनी के निवर्तमान मुख्य कार्याधिकारी अक्षय मूंदड़ा ने कही।
मूंदड़ा ने कहा कि हालांकि गैर-बैंकिंग डेट फंडिंग बैंकों से जुटाए जाने वाले 25,000 करोड़ रुपये की तुलना में कम राशि होगी। वोडाफोन आइडिया में मूंदड़ा का कार्यकाल सोमवार को समाप्त हो गया है। उन्होंने कहा, ‘चूंकि हम पिछले साल से चल रहे अपने पूंजीगत व्यय को जारी रखना चाहते हैं, इसलिए वित्त पोषण के गैर-बैंकिंग स्रोतों पर भी विचार कर रहे हैं।’ मूंदड़ा ने गैर-बैंकिंग वित्तीय स्रोतों से जुटाई जाने वाली राशि का खुलासा नहीं किया।
दूरसंचार कंपनी ने अप्रैल 2024 में एक एफपीओ के जरिये 18,000 करोड़ रुपये जुटाए थे और 35,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बाह्य ऋण जुटाने की योजना बनाई थी। यह धन राशि उसकी 50,000-55,000 करोड़ रुपये की तीन-वर्षीय पूंजीगत व्यय योजना के लिए जरूरी थी, जिसके तहत वह उन सभी 17 सर्किलों में 5जी सेवाएं शुरू करनी थीं, जहां उसके पास स्पेक्ट्रम थे।
दूरसंचार कंपनी का पूंजीगत खर्च सितंबर तक लगभग 5,000-6,000 करोड़ रुपये रहेगा जिसे पिछले वर्ष की एफपीओ रकम से किया जाएगा। लेकिन मूंदड़ा ने कहा कि पूंजीगत व्यय की बड़ी मात्रा के लिए नए वित्त की जरूरत होगी।
उन्होंने कहा, ‘तीसरी और चौथी तिमाही में जब हम पूंजीगत व्यय में अपनी आंतरिक नकदी का कुछ हिस्सा लगाएंगे तो हमें कुछ वृद्धि देखने को मिलेगी। लेकिन 205,000 या 215,000 (साइटों) का आंकड़ा हासिल करने के लिए हमें नई पूंजी की आवश्यकता होगी।’उन्होंने कहा कि बैंकों के साथ बातचीत आगे बढ़ रही है, लेकिन इसमें कुछ समय लगेगा।