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Airtel का चौंकाने वाला कदम: बकाया चुकाने के बदले मांगी हिस्सेदारी, सरकार से किया इसके लिए अनुरोध

एयरटेल की यह पहल अचंभित करने वाली है क्योंकि पिछले महीने उसने 2024 की नीलामी के तहत हासिल स्पेक्ट्रम के लिए दूरसंचार विभाग को 5,985 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान किया था।

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शुभायन चक्रवर्ती   
Last Updated- April 24, 2025 | 10:31 PM IST

वोडाफोन आइडिया के बाद अब भारती एयरटेल ने भी अपने स्पेक्ट्रम बकाये को इ​क्विटी में बदलने के लिए सरकार से अनुरोध किया है। कंपनी ने यह पहल ऐसे समय में की है जब कुछ ही सप्ताह पहले सरकार ने वित्तीय संकट से जूझ रही दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आ​इडिया (वी) के 36,950 करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम बकाये को इ​क्विटी में बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसके साथ ही वी में सरकार की हिस्सेदारी 22.6 फीसदी से बढ़कर 48.9 फीसदी हो गई है।

दूरसंचार विभाग के एक अधिकारी ने कहा, ‘साल 2021 के दूरसंचार सुधार पैकेज की शर्तों के अनुसार सरकार के मोहलत प्रस्ताव का फायदा उठाने वाले सभी दूरसंचार ऑपरेटरों को अपने स्पेक्ट्रम बकाये को इ​क्विटी में बदलने के लिए आवेदन करने की अनुमति है। अब दोनों ऑपरेटरों (वोडाफोन आइडिया और एयरटेल) ने ऐसा किया है। उनके अनुरोध पर विचार किया जाएगा।’ 

इस बाबत जानकारी के लिए एयरटेल और दूरसंचार विभाग को भेजे गए प्रश्नों का खबर ​लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं आया।

सितंबर 2021 में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित दूरसंचार सुधार पैकेज के तहत सरकार ने समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) पर सर्वोच्च न्यायालय के 2019 के फैसले के आधार पर बकाये के वार्षिक भुगतान पर चार साल की मोहलत दी थी। 

सरकार ने पिछली नीलामियों के तहत खरीदे गए स्पेक्ट्रम के लिए निर्धारित बकाये के वार्षिक भुगतान को भी चार साल के लिए टाल दिया गया था। सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि सरकार ने वित्तीय संकट से जूझ रही दूरसंचार कंपनियों को बकाये के एक हिस्से को इक्विटी में बदलने का भी विकल्प दिया था।

सुधार पैकेज के तहत मोहलत पर ब्याज को इक्विटी में बदलने की अनुमति दी गई थी और वोडाफोन आइडिया ने उसी विकल्प को अपनाया है। उसने सितंबर 2025 में चार साल की मोहलत अवधि खत्म होने पर मूलधन को भी इक्विटी में बदलने का विकल्प खुला रखा था। एयरटेल ने अपने ताजा पत्र में यही आवेदन किया है।

दूरसंचार बाजार की अग्रणी कंपनी रिलायंस जियो ने इस प्रस्ताव का लाभ नहीं उठाया क्योंकि उसका एजीआर बकाया और नीलामी के तहत स्पेक्ट्रम खरीद पर बकाया कम था। साल 2022 तक उसने 2014, 2015, 2016 और 2021 की स्पेक्ट्रम नीलामियों के तहत खरीदे गए स्पेक्ट्रम का पूरा भुगतान कर दिया था।

एयरटेल की यह पहल अचंभित करने वाली है क्योंकि पिछले महीने उसने 2024 की नीलामी के तहत हासिल स्पेक्ट्रम के लिए दूरसंचार विभाग को 5,985 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान किया था। कंपनी ने अपने उन सभी स्पेक्ट्रम बकाये का भुगतान कर दिया था जिन पर ब्याज दर 8.65 फीसदी से अधिक थी। कंपनी ने एक बयान में कहा कि स्पेक्ट्रम देनदारियों का भुगतान उनकी औसत शेष परिपक्वता अवधि से करीब 7 साल पहले कर दिया गया जिससे एयरटेल के महंगे कर्ज का जोखिम कम हो गया।

एयरटेल ने वित्त वर्ष 2025 में उच्च लागत वाली स्पेक्ट्रम देनदारियों के तौर पर 25,981 करोड़ रुपये का समय से पहले भुगतान कर दिया। उसकी कुल स्पेक्ट्रम देनदारियां 66,665 करोड़ रुपये हैं।

First Published : April 24, 2025 | 10:25 PM IST