दूरसंचार विभाग (डीओटी) के सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर (सीईआईआर) ने गायब या चुराए गए 8.99 लाख मोबाइल फोन को चिह्नित किया है और यह सेवा शुरू होने के बाद से 16.13 लाख डिवाइस ब्लॉक किए गए हैं।
हाल के महीनों में चुराए गए मोबाइल फोन की बरामदगी तेज हुई है, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर यह 15 फीसदी से कम बनी हुई है।संचार साथी पोर्टल के ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि देश में चिह्नित किए गए मोबाइल फोन में से सिर्फ 1.31 लाख या 14.6 फीसदी फोन ही बरामद किए जा सके हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक हर महीने देश में करीब 50,000 मोबाइल फोन चोरी होते हैं। बहरहाल रिकवरी की दर अलग-अलग है।
तेलंगाना सर्किल में बेहतर रिकॉर्ड है, जहां अब तक करीब 69 फीसदी फोन ट्रैक किए गए हैं। इसके बाद आंध्र प्रदेश (60 फीसदी ) और राजस्थान (38.35 फीसदी) का स्थान है। वहीं दिल्ली पुलिस ने सभी चिह्नित मोबाइल फोन में से सिर्फ 1.43 फीसदी ही बरामद किए हैं। अधिकारियों ने कहा कि ट्रैकिंग के लिए ज्यादातर अनुरोध उपभोक्ताओं ने ही किए हैं, जबकि रिकवरी राज्यों के पुलिस विभाग द्वारा की गई है।
तेजी से ट्रैक करने और गायब व चुराए गए मोबाइल उपकरण को ब्लॉक करने के लिए पोर्टल अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है, लेकिन जमीनी स्तर पर रिकवरी का काम पुलिस ही कर सकती है।
डीओटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘रिकवरी की संख्या बढ़ी है, लेकिन अभी कम बनी हुई है, जबकि तमाम फोन की सही जगह का पता चल जाता है। यह मसला राज्यों के गृह विभागों के सामने उठाया गया है।’
डीओटी ने देश भर में साइबर अपराधों में दुरुपयोग किए जा रहे 28,200 मोबाइल हैंडसेट को ब्लॉक करने के लिए टेलीकॉम ऑपरेटरों को निर्देश दिए हैं। विभाग ने शुक्रवार को कहा कि इन मोबाइल हैंडसेट से जुड़े 20 लाख मोबाइल कनेक्शनों के फिर से तत्काल वैरीफिकेशन के निर्देश दिए गए हैं। फिर से वैरीफिकेशन न होने की स्थिति में इन्हें डिस्कनेक्ट कर दिया जाएगा।