टीसीएस का प्रतिफल रहा दमदार

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 3:48 AM IST

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा है कि कंपनी ने कोविड महामारी का बेहतर ढंग से मुकाबला किया है और उसने ग्राहकों से शानदार प्रतिक्रियाएं हासिल की हैं। उन्होंने कंपनी की 26वीं सालाना आम बैठक को वर्चुअल तौर पर संबोधित करते हुए यह जानकारी दी।  
चंद्रशेखरन ने टीसीएस के संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी एफ सी कोहली के 27 वर्षों के योगदान को भी सराहा। उन्होंने कहा, ‘कोहली एक ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने भारत की आईटी क्रांति के लिए आधार खड़ा किया और गतिशील आधुनिक अर्थव्यवस्था के लिए मंच तैयार किया है। मैं टीसीएस में बड़ा बदलाव लाने के लिए उनका आभार प्रकट करता हूं।’ उन्होंने यह भी बताया कि टीसीएस के शेयरधारकों ने वर्ष 2004 में कंपनी की सूचीबद्घता के बाद से अपने निवेश पर 3,000 प्रतिशत से ज्यादा का प्रतिफल हासिल किया है। चंद्रशेखरन ने शेयरधारकों को बताया, ‘यदि आपने वर्ष 2004 में आईपीओ में 850 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से निवेश किया हो, तो उस निवेश की वैल्यू आज यानी 17 वर्षों बाद 28,00 करोड़ रुपये हो गई होगी। यह 3,000 प्रतिशत से ज्यादा का प्रतिफल है।’
कंपनी के प्रदर्शन के बारे में चंद्रशेखरन ने कहा कि वित्त वर्ष की पहली तिमाही को छोड़कर, कंपनी ने तेज रिकवरी की है। वित्त वर्ष 2021 के लिए टीसीएस ने शेयरधारकों को लाभांश और पुनर्खरीद पेशकशों में 33,873 करोड़ रुपये लौटाए, जिसके परिणामस्वरूप 95 प्रतिशत का मुक्त नकदी प्रवाह का भुगतान किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि टीसीएस ने कोविड-19 राहत कार्य के तौर पर 273 करोड़ रुपये का योगदान दिया है। इसमें 22 अस्पतालों में 200 डॉक्टरों के लिए निर्माण क्षमता, डॉक्टरों और चिकित्सा पेशेवरों को वितरित 25 लाख भोजन पैकेट जैसी राहत शामिल है। कंपनी ने स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित भी किया और ग्रामीण आबादी में जागरुकता पैदा कर 450,00 से ज्यादा लोगों का बेहतर स्वास्थ्य सुनिश्चित किया।
कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी एवं प्रबंध निदेशक राजेश गोपीनाथन ने कहा, ‘मुनाफा वृद्घि का हमारा सिलसिला बरकरार है और पिछले 5 वर्षों के दौरान हम इस संदर्भ में 8.6 प्रतिशत की सालाना वृद्घि के साथ वित्त वर्ष 2017 के 117,966 करोड़ रुपये से बढ़कर वर्ष 2021 में 164,177 करोड़ रुपये के लक्ष्य तक पहुंचे हैं। इन वर्षों के दौरान हमने अपने मुनाफे को वर्ष 2017 के 25.7 प्रतिशत के परिचालन मार्जिन से वित्त वर्ष 2021 में 25.9 प्रतिशत के आसपास बनाए रखा। हमने अपनी शेयरधारक-अनुकूल पूंजी आवंटन नीतियों को बरकरार रखा और शेयरधारक भुगतान के तौर पर कुल हासिल नकदी 82.6 प्रतिशत में 8.5 प्रतिशत पूंजीगत खर्च पर इस्तेमाल की गई और इसका 9.7 प्रतिशत हिस्सा हमने अधिशेष निवेशित कोषों के तौर पर बरकरार रखा।’ गोपीनाथन ने यह भी कहा कि प्रौद्योगिकी निवेशों की प्रवृति प्रौद्योगिकी उन्नयन चक्र की शुरुआत है।
गोपीनाथन ने कहा, ‘हमारी शोध एवं नवाचार प्रणालियां जीऐंडटी इंगेजमेंट को प्रोत्साहित कर रही हैं। अब टीसीएस में हमारे पास 6,000 से ज्यादा शोधकर्ता, आविष्कारकर्ता और नवप्रर्वतक काम कर रहे हैं, जिन्होंने संयुक्त रूप से 240 से ज्यादा पत्र पेश किए हैं और 5,879 पेटेंट आवेदन किए हैं, जिनमें से हमें 1,850 के लिए पेटेंट दिया जा चुका है। हम न सिर्फ टीसीएस के अंदर काम करते हैं बल्कि 67 शैक्षिक भागीदारों, 2,400 स्टार्टअप के तंत्र से भी जुड़े हुए हैं। टीसीएस ने 30 से ज्यादा प्रयोगशालाओं और दुनियाभर में स्थित 5 टीसीएस पेस टीएम पोट्र्स में नवाचार का विस्तार किया है। कुल मिलाकर, हमने इस साल शोध एवं नवाचार प्रयासों पर अपने राजस्व का 1.2 प्रतिशत हिस्सा निवेश किया, जिसके साथ 31 मार्च, 2021 में समाप्त वर्ष में शोध एवं नवाचार पर कुल निवेश बढ़कर 1,917 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।’

First Published : June 10, 2021 | 11:22 PM IST