टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी के कृत्तिवासन ने नई तकनीकों को सीखने और अपना कौशल विकास करने में कर्मचारियों के प्रयासों की सराहना की है। उन्होंने कहा कि उनके इन प्रयासों से टीसीएस दुनिया में सबसे बड़े एआई-सक्षम कार्यबलों में से एक बन गई है।
वित्त वर्ष 2024 के आखिर में कर्मचारियों को लिखे ईमेल में कृत्तिवासन ने लिखा ‘इस मोर्चे पर सीखने और स्वयं का कौशल विकसित करने के आपके प्रयासों ने टीसीएस को दुनिया में सबसे बड़े और सर्वाधिक एआई-सक्षम कार्यबलों में से एक बना दिया है।
यह टीसीएस में हमारे पास मौजूद इंजीनियरिंग की संस्कृति के लिए एक और सम्मान है तथा मैं इसे और मजबूत होते देखने के लिए उत्सुक हूं।’ बिजनेस स्टैंडर्ड ने भी यह ईमेल देखा है।
कंपनी के पास अब तक 3,00,000 ऐसे कर्मचारी हो गए हैं जो बुनियादी एआई कौशल में प्रशिक्षित हैं और उसकी योजना प्रत्येक कर्मचारी को प्रशिक्षित करने की है। उन्होंने आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) में कंपनी को मिली सफलताओं और पहलों की भी जानकारी दी।
उन्होंने कहा ‘हम वर्तमान में अपने ग्राहकों के साथ जेनएआई में 200 से अधिक अनुबंधों पर काम कर रहे हैं और सभी उद्योगों में भविष्य में काम के आशाजनक प्रवाह की उम्मीद कर रहे हैं।’
कृत्तिवासन ने यह भी कहा कि टीसीएस के 200 से ज्यादा कार्यक्रमों की श्रृंखला के जरिये कंपनी कंपनी ने अपने 11,000 से अधिक ग्राहकों के साथ अपनी साझेदारी को और बढ़ाने तथा इस संबंध में चर्चा की कि एआई पर किसा तहर सहयोगी के रूप में काम कर सकते हैं।
इन कार्यक्रमों में टीसीएस शिखर सम्मेलन, हालिया विश्व आर्थिक मंच और ग्राहकों की कई सभाएं भी शामिल रहीं। कंपनी ने वित्त वर्ष 24 की चौथी तिमाही के नतीजों के संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि उसने अपनी एआई और जेनएआई सौदों के प्रस्तावों को दोगुना कर 90 करोड़ डॉलर कर दिया है।