TCS Job scandal: पिछले तीन वर्षों में हर साल लगभग 50,000 लोगों को नौकरी पर रखने वाली टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड (TCS) को एक घोटाले से तगड़ा झटका लगा है।
दिग्गज IT कंपनी ने पाया कि जिन कुछ सीनियर अधिकारियों को हजारों महत्वपूर्ण कर्मियों को नियुक्त करने का काम सौंपा गया था, उन्होंने भर्ती प्रक्रिया से समझौता करते हुए स्टाफिंग फर्मों से रिश्वत ली है।
Mint की रिपोर्ट के अनुसार, घोटाले की पूरी जानकारी अभी स्पष्ट नहीं है लेकिन इस घटनाक्रम से अवगत दो अधिकारियों ने कहा कि एक व्हिसलब्लोअर ने TCS के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और मुख्य परिचालन अधिकारी (TCS CEO) को एक मेसेज किया है।
इस मेसेज में व्हिसलब्लोअर ने आरोप लगाया है कि कंपनी के भर्ती डिपार्मेंट में टीसीएस के संसाधन प्रबंधन समूह (RMG) के वैश्विक प्रमुख ई.एस.चक्रवर्ती वर्षों से स्टाफिंग फर्मों से कमीशन ले रहे हैं।
कमीशन के जरिये कम से कम 100 करोड़ रुपये कमाने का आरोप
इस शिकायत के बाद कंपनी ने आरोपों की जांच के लिए तुरंत कंपनी के मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी, अजीत मेनन सहित तीन अधिकारियों की एक टीम गठित की है।
TCS ने कुछ हफ्तों की जांच के बाद भर्ती प्रमुख को छुट्टी पर भेज दिया और आरएमजी के चार अधिकारियों को बर्खास्त करने के साथ तीन स्टाफिंग फर्मों को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया।
हालांकि, कंपनी को अभी तक अनियमितताओं के पैमाने का पता नहीं चल पाया है लेकिन दो अधिकारियों में से एक ने कहा कि घोटाले में शामिल लोगों ने कमीशन के जरिये कम से कम 100 करोड़ रुपये कमाए होंगे।
टीसीएस के एक प्रवक्ता ने कहा, “आचार संहिता के उल्लंघन के संबंध में समय-समय पर शिकायतें आती रहती हैं, लेकिन कंपनी के पास उनकी जांच करने और समाधान करने के लिए मजबूत प्रक्रियाएं हैं।”
यह टीसीएस में सामने आया पहला ऐसा घोटाला है। यह के कृतिवासन के कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) के रूप में पदभार संभालने के कुछ ही दिनों बाद आया है।