टाटा मोटर्स के बड़े सपनों के लिए रकम जुटाने का सिलसिला अब र
तार पकड़ने लगा है। इसके लिए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अगुआई में बैंकों और वित्तीय संस्थाओं का एक समूह काम शुरू कर रहा है। यह समूह फोर्ड मोटर्स के ब्रांड जगुआर और लैंड रोवर के अधिग्रहण की टाटा की मुहिम के लिए 12,000 करोड़ रुपये इकट्ठा करेगा। यह रकम जुटाने के लिए बैंकों को इसी साल अप्रैल तक की मियाद दी गई है।इस सौदे को नजदीक से देखने वाले एक सूत्र के मुताबिक एसबीआई के अलावा इस समूह में सिटीबैंक
, स्टैंडर्ड चार्टर्ड, बीएनपी परिबास, जे पी मॉर्गन, तोक्यो मित्सुबिशी यूएफजे और मिझुहो फाइनैंशियल कॉर्पोरेशन शामिल हैं। एसबीआई सार्वजनिक क्षेत्र के दो–तीन और बैंकों से भी इस समूह में आने की बात कर रहा है।सूत्र ने बताया कि यह रकम अल्पकालिक ब्रिज फाइनैंसिंग के जरिये जुटाई जाएगी। सारा कामकाज अगले महीने पूरा हो जाने की उ
मीद है। अभी 2-3 सार्वजनिक बैंक भी इस समूह का हिस्सा बन सकते हैं। बताया जा रहा है कि एसबीआई इस सौदे के लिए धन जुटाने के कााम में बैंक ऑफ बड़ौदा और पंजाब नेशनल बैंक को भी लगा सकता है। समूह का इरादा जल्द से जल्द टाटा को जरूरी रकम सौंप देने का है।टाटा मोटर्र्स इस सौदे के तहत फोर्ड को कितना धन देगी
, इसके बारे में कोई भी खुलासा नहीं किया गया है। लेकिन बाजार के सूत्रों की मानें, तो कंपनी कम से कम 8,000 करोड़ रुपये इस सौदे के एवज में चुकाने जा रही है।इस सौदे के लिए जरूरी रकम से भी ज्यादा धन जुटाने के पीछे कंपनी का उद्देश्य अन्य योजनाओं को भी बेहतर ढंग से चलाना हो सकता है। माना जा रहा है कि बाकी रकम से वह अपनी दूसरी अधिग्रहण संबंधी और रणनीतिक योजनाओं को अंजाम देगी। टाटा इसमें से कुछ धन अपनी नैनो कार में भी लगा सकती है। यह कार इसी साल अक्टूबर में बाजार में लाई जानी है
, लेकिन वित्तीय समस्याएं इसमें भी आ रही हैं।