वैमानिकी और रक्षा समाधान प्रदाता टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) और नैसडेक में सूचीबद्ध सैटेलॉजिक इंक ने भारत में निम्न पृथ्वी कक्षा (एलईओ) उपग्रह बनाने के लिए एक रणनीतिक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। दोनों कंपनियों ने बुधवार को एक बयान में यह जानकारी दी।
बयान के अनुसार, TASL कर्नाटक में एक उपग्रह इकाई भी शुरू करेगी। दोनों कंपनियों ने संयुक्त बयान में कहा, “TASL भारत में उपग्रहों के लिए एक असेंबलिंग, एकीकरण और परीक्षण (एआईटी) इकाई स्थापित करेगी। वह सैटेलॉजिक के साथ मिलकर एक उपग्रह डिजाइन का भी संयुक्त रूप से विकास करेगी।”
TASL का उपग्रह AIT प्लांट कर्नाटक के वेमागल स्थित इकाई में बनाया जाएगा। यह राष्ट्रीय रक्षा और वाणिज्यिक अनुप्रयोगों के लिए भारत में उपग्रहों के निर्माण और इमेजरी के विकास पर केंद्रित होगा।
बयान के अनुसार, TASL और सैटेलॉजिक एक नए उपग्रह डिजाइन के विकास पर सहयोग करेंगे, जो एक ही उपग्रह पर कई पेलोड को एकीकृत करेगा जो विविध प्रकार के डेटा उत्पन्न करने में मदद करेगा। सैटेलॉजिक ‘सब-मीटर रिज़ॉल्यूशन’ पृथ्वी अवलोकन (ईओ) से जुड़े डेटा संग्रह में अग्रणी कंपनी है।
बयान में कहा गया, “परियोजना व्यापक प्रशिक्षण, ज्ञान के हस्तांतरण और ऑप्टिकल सब-मीटर रिज़ॉल्यूशन ईओ उपग्रहों की स्थानीय असेंबलिंग के साथ शुरू होगी। पहले उपग्रह को टीएसएटी-1ए के रूप में प्रक्षेपित करने की योजना है।”
TASL के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) और प्रबंध निदेशक (MD) सुकरण सिंह ने कहा कि कंपनी पेलोड एवं अन्य प्रौद्योगिकियों के लिए स्थानीय कंपनियों के साथ मिलकर काम करेगी।
सैटेलॉजिक के फाउंडर एवं CEO एमिलियानो कार्गीमैन ने कहा कि इस साझेदारी से दुनिया के एक बड़े देश के अंतरिक्ष क्षमता निर्माण में तेजी आएगी।