facebookmetapixel
भारत ने जीता पहला महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप, खिलाड़ियों की ब्रांड वैल्यू में 35% तक उछालप्राइवेट इक्विटी और इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश पर KKR की नजर, भारत में लंबी पारी खेलने को तैयारकच्चे तेल का आयात अमेरिका से बढ़ा, रूस से सप्लाई दमदारप्रधानमंत्री मोदी ने ₹1 लाख करोड़ के ‘RDI फंड’ की शुरुआत की, प्राइवेट सेक्टर में रिसर्च और इनोवेशन को मिलेगा बढ़ावावोडाफोन आइडिया को राहत! 2017 तक के एजीआर बकाये का होगा नए सिरे से आकलनEditorial: मौद्रिक नीति में पारदर्शिता जरूरी, RBI को सार्वजनिक करनी चाहिए रिपोर्टशहरी संकट: स्थानीय निकायों को वास्तविक स्वायत्तता और जवाबदेही देना समय की मांगसरकार ने सब्सिडी बढ़ाकर डीएपी का घाटा किया कम, फिर भी 900 रुपये प्रति कट्टे का नुकसान होने की आशंकासर्विस सेक्टर में सबसे आगे चंडीगढ़ और दिल्ली, सेवा केंद्रित हैं अधिक प्रति व्यक्ति आय वाले राज्यबिहार में बटाईदार, क्या पाएंगे कानूनी अधिकार

मैसी ब्रांड पर टैफे और एजीसीओ में रार

ट्रैक्टर ऐंड फार्म इक्विपमेंट (टैफे) और अमेरिकी दिग्गज एजीसीओ भारत में मैसी फर्ग्यूसन (एमएफ) ब्रांड के स्वामित्व पर कानूनी लड़ाई लड़ रही हैं।

Last Updated- December 12, 2024 | 11:17 PM IST
Tractor

भारत में दो कंपनियों के बीच विज्ञापन की लड़ाई कोई नई बात नहीं है। पेप्सिको-कोका कोला, रिलायंस जियो-भारती एयरटेल, अमूल-हिंदुस्तान यूनिलीवर, टाइम्स ऑफ इंडिया- द हिंदू, कॉम्प्लान-हॉर्लिक्स समेत कई अन्य कंपनियां भी इससे पहले विज्ञापन की लड़ाई में आमने-सामने आ चुकी हैं। इस लड़ाई में ट्रैक्टर ऐंड फार्म इक्विपमेंट (टैफे) और अमेरिकी दिग्गज एजीसीओ शामिल हो गई हैं। भारत में मैसी फर्ग्यूसन (एमएफ) ब्रांड के स्वामित्व पर कानूनी लड़ाई लड़ रही हैं। अब दोनों कंपनियों ने इस प्रतिष्ठित ब्रांड पर अपना दावा मजबूत करने के लिए देश भर में विज्ञापन के जरिये युद्ध कर रही हैं।

अप्रैल में पहली बार एजीसीओ ने टैफे के साथ अपना करार खत्म होने के बारे में पहली बार बताया था। इसमें एमएफ के लिए ब्रांड लाइसेंस भी शामिल था, जिसने कानून लड़ाई को जन्म दिया। 19 नवंबर को टैफे और एजीसीओ ने दावा किया कि मद्रास उच्च न्यायालयाने एमएफ विवाद पर उनका पक्ष लिया और यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया है। इसके बाद एजीसीओ ने 22 नवंबर को द न्यू इंडियन एक्सप्रेस अखबार के पहले पन्ने पर विज्ञापन के जरिये अभियान छेड़ दिया, जिसमें दावा किया कि हर किसान का साथी एजीसीओ का मैसी फर्ग्युसन। विज्ञापन के जरिये ब्रांड को लगातार एजीसीओ का मैसी फर्ग्यूसन कहा गया और यह भी दावा किया गया कि यह 1950 से भारत में मौजूद है।

एजीसीओ मे इसके बाद लगातार मीडिया और पारंपरिक विज्ञापनों के जरिये इसका प्रचार किया और देश भर में दैनिक बिज़नेस अखबार मिंट और तमिल के अखबार दिनमणि में विज्ञापन दिया। टैफे ने इसके जवाब में अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में कवर विज्ञापन जारी किया है और संदेश दिया कि खेत में मैसी और दिल में टैफे। कंपनी ने यह संदेश हिंदी, तमिल, मराठी और कन्नड़ जैसी भाषाओं में दिया। दोनों कंपनियों ने अपने लोगो के साथ-साथ इसके लोगो का उपयोग करके एमएफ ब्रांड पर अपना मालिकाना हक होने का दावा किया। टैफे ने प्रतिष्ठित ट्रिपल-ट्राएंगल एमएफ लोगो का उपयोग किया, जबकि एजीसीओ ने 2022 में पेश किए गए नए एमएफ ब्रांड लोगो का टैगलाइन बॉर्न टू फार्म के साथ उपयोग किया।

First Published - December 12, 2024 | 11:04 PM IST

संबंधित पोस्ट