गुजरात स्थित सिंटेक्स इंडस्ट्रीज, जो पिछले एक वर्ष में उत्साही अधिग्रहण दौर में प्रवेश कर चुकी है, एक और अधिग्रहण की तैयारी में लग गई है। यह कंपनी कम्पोजिट्स स्पेस में दबदबा बढ़ाने को लेकर कंपनियों पर नजर लगाए हुए है। इस उद्देश्य के लिए इसने लगभग 600 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की है।
कंपनी कम्पोजिट्स में विविधता उत्पन्न करना, बड़े पैमाने पर निर्माण और हाल के समय में फेब्रिकेट ढांचा व्यापार आदि से जुड़ी हुई है। सिंटेक्स जर्मनी, इटली, स्वीडन और उत्तरी अमेरिका में कंपनियों के अधिग्रहण की योजना पहले ही बना चुकी है।
सिंटेक्स इडस्ट्रीज के प्रबंध निदेशक अमित पटेल ने कहा, ‘कंपनी 9-10 देशों में व्यापक पैमाने पर संचालन करने वाली प्रमुख कंपनियों पर नजर लगाए हुए है। महादेशों में इनके 20 से 30 निर्माण संयंत्र मौजूद हैं।’ नई खरीदारी को लेकर वार्ताएं जारी हैं, लेकिन पटेल को 2008 के अंत तक इसके पूरा होने की उम्मीद है।
इस अधिग्रहण के लिए कंपनी आगामी महीनों में फॉरेन करेंसी कन्वर्टीबल बॉन्ड्स (एफसीसीबी) के जरिए 1200 करोड़ रुपये जुटाएगी।
यह पहली बार नहीं है जब कंपनी ने कम्पोजिट्स स्पेस के क्षेत्र में कदम बढ़ाया है। जून, 2007 में सिंटेक्स ने अमेरिका स्थित वाउसाउकी कम्पोजिट्स का अधिग्रहण किया था जिसका प्लास्टिक और टेक्स्टाइल कारोबार में व्यापक प्रभाव देखने को मिला था। इसके बाद अक्टूबर में इसने फ्रांस स्थित नीफ प्लास्टिक नामक कंपनी को खरीदा जो प्लास्टिक क्षेत्र की अग्रणी कंपनी है। इस फ्रांसीसी कंपनी को प्लास्टिक इंजेक्शन बनाने के क्षेत्र में महारथ हासिल है।
अमित पटेल के भरोसे और क्षमता से प्रेरित सिंटेक्स कम्पोजिट्स सेगमेंट पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है। भारत में कम्पोजिट्स के लिए बाजार 2007-08 में 1000 करोड़ रुपये होने की संभावना है और बाजार 2011 तक बढ़ कर 4000 करोड़ रुपये पर पहुंच जाने की संभावना है।
पटेल के अनुसार कम्पोजिट्स से कंपनी के राजस्व में 30 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी होने की संभावना है। एरोस्पेस कलपुर्जों, नाव, साइकिल फ्रेम और रेसिंग कार जैसे उच्च प्रदर्शन वाले उत्पादों की बढ़ती मांग के कारण कंपनी के राजस्व में वृद्धि होने की संभावना है।
