दुनियाभर की iPhone,Android और Laptop के क्षेत्र की तीन बड़ी कंपनियों ने भारत में अपने लैपटॉप और टैबलेट मंगवाने पर रोक लगा दी है। दक्षिण एशियाई देश द्वारा बिना लाइसेंस के सामान मंगवाने पर अचानक प्रतिबंध लगाने के बाद ऐप्पल इंक (Apple Inc.), सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी (Samsung Electronics Co. ) और एचपी इंक (HP Inc.) भारत में लैपटॉप और टैबलेट के नए आयात को रोकने वाले सबसे बड़े नामों में से हैं। यह जानकारी मीडिया एजेंसी ब्लूमबर्ग ने दी।
भारत के रेगुलेटर्स ने दुनिया की सबसे बड़ी कम्प्यूटर, लैपटॉप बनाने वाली कंपनी को अचानक से तब झटका दे दिया जब इसने यह ऐलान किया कि अब वहीं कंपनियां विदेश से आयात कर पाएंगी जिनके पास लाइसेंस है। रेगुलेटर्स ने बिना लाइसेंस के छोटे टैबलेट से लेकर all-in-one PC तक इलेक्ट्रॉनिक्स के आयात के लिए लाइसेंस अनिवार्य कर दिया।
क्यों कंपनियां हुईं परेशान?
मामले से परिचित लोगों ने मुद्दे की संवेदनशीलता के कारण नाम न छापने की शर्त पर ब्लूमबर्ग को बताया कि लैपटॉप मेकर्स आयात पर निर्भरता कम करने और लोकल प्रोडक्शन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कुछ सरकारी उपायों की तैयारी कर रहे थे, लेकिन अचानक लाइसेंस लागू करने से उद्योग को परेशानी हुई।
कब तक मिलेगा लाइसेंस? क्यों है लाइसेंस पाने की जल्दी?
भारत में दिवाली का सीजन आने वाला है और स्कूल या कॉलेज जाने वाले छात्रों की संख्या भी बढ़ने वाली है। ऐसे में लैपटॉप, टैबलेट की मांग देश में तेजी से बढ़ेगी। ऐसे में लोगों ने कहा कि टेक कंपनियां अब भारत सरकार के साथ मिलकर इस बात पर काम कर रही हैं कि उन्हें जल्द से जल्द लाइसेंस मिल सके। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि Apple और अन्य को लाइसेंस प्राप्त करने में कितना समय लगेगा, लेकिन यह रुकावट पहले से ही एक महत्वपूर्ण समय में विदेशी PC में अरबों डॉलर के व्यापार को बाधित कर रही है।
भारत के व्यापार मंत्रालय, Apple, Samsung और HP के प्रतिनिधियों ने ब्लूमबर्ग की तरफ से टिप्पणी के अनुरोधों का तुरंत जवाब नहीं दिया।
यह आवश्यकता उन मैन्युफैक्चरर्स के लिए अलग से सिरदर्द पैदा करती है जो पहले से ही इन्वेंट्री की वैश्विक भरमार से जूझ रहे हैं और बिक्री वृद्धि को फिर से शुरू करने के लिए कुछ ट्रिगर हैं। इसके परिणामस्वरूप भारत में लॉन्च में देरी हो सकती है या ऐसे बाजार में उत्पाद की कमी हो सकती है जो अभी भी विदेशों से आयात पर काफी हद तक निर्भर हैं।
क्यों लगा लैपटॉप, मोबाइल,आईफोन पर बैन
ब्लूमबर्ग ने कहा कि आयात पर प्रतिबंध, भारत की अचानक नीतिगत बदलावों (policy change) का एक उदाहरण है, जो विदेशी इलेक्ट्रॉनिक्स को आयात करने से रोकने के लिए लंबे समय से चले आ रहे उपायों में शामिल है। इसका उद्देश्य भारत में वर्ल्ड क्लास की टेक मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री का खड़ा करना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार वर्तमान में दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश में लैपटॉप, टैबलेट और अन्य हार्डवेयर के निर्माताओं को आकर्षित करने के लिए 170 अरब रुपये (2.1 बिलियन डॉलर) की वित्तीय प्रोत्साहन योजना के लिए आवेदन मांग रही है क्योंकि कंपनियां चीन से बाहर सप्लाई चेन में बढ़ावा देना चाहती हैं।