सॉफ्टवेयर निर्यात करने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही में कुल मिलाकर दमदार प्रदर्शन किया है। कंपनी ने न केवल भौगोलिक आधार पर बल्कि कारोबारी श्रेणी के मोर्चे पर भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है।
कंपनी का प्रदर्शन काफी हद तक बाजार की अपेक्षाओं के अनुरूप रहा और इसकी झलक उसके शेयर मूल्य में भी मिलती है। कंपनी का शेयर आज कमजोर बाजार में भी लगभग स्थिर रहा। तिमाही के दौरान कंपनी का राजस्व 15.8 फीसदी की दमदार दो अंकों की वृद्धि के साथ 50,591 करोड़ रुपये हो गया। जबकि शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 7 फीसदी बढ़कर 9,926 करोड़ रुपये हो गया।
कंपनी के चौथी तिमाही के नतीजे का एक मुख्य आकर्षण 11.3 अरब डॉलर का ऑर्डर बुक रहा जो अब तक सर्वाधिक आंकड़ा है। इसमें 1 अरब डॉलर के कई मेगा सौदे भी शमिल हैं। इससे दमदार मांग परिदृश्य की झलक मिलती है।
कंपनी ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 25.3 फीसदी पर स्थिर परिचालन मार्जिन दर्ज किया। तिमाही के दौरान कंपनी का परिचालन मार्जिन 25 फीसदी रहा। विश्लेषकों का कहना है कि यह कंपनी के लिए काफी सकारात्मक है क्योंकि वह आपूर्ति के मोर्चे पर लगातार काफी दबाव झेल रही थी।
जेफरीज ने कहा, ‘कर्मचारियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि और उप-ठेका लागत में तेजी के बावजूद स्थिर मार्जिन ने सकारात्मक तौर पर अचंभित किया है। मार्जिन और लाभ को मुख्य तौर पर उम्मीद से बेहतर राजस्व से बल मिला।’
अधिक मुनाफा, दमदार बुकिंग और स्थिर मुद्रा आधार पर 12 फीसदी की अनुमानित राजस्व वृद्धि को देखते हुए ब्रोकरेज ने कंपनी के लिए अपने राजस्व अनुमान को 1 से 2 फीसदी बढ़ा दिया है। उसने कंपनी के शेयर के लिए ‘होल्ड’ रेटिंग बरकरार रखी है और लक्षित मूल्य को 3,870 रुपये से बढ़ाकर 3,925 रुपये कर दिया है।
कुल मिलाकर, विश्लेषकों ने व्यापक तौर पर टीसीएस के शेयर के लिए अपनी ‘बाय’ और ‘होल्ड’ रेटिंग को बरकरार रखी है। उनका मानना है कि वित्त वर्ष 2023 में चुनौतियों के बावजूद कंपनी का मांग परिदृश्य काफी दमदार रहेगा। उनका कहना है कि इससे कंपनी को मार्जिन के मोर्चे पर दबाव से निपटने मेंं मदद मिलेगी।
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने एक नोट में लिखा है, ‘वित्त वर्ष 2023 में उद्योग के लिए मार्जिन संबंधी चुनौतियां बरकरार रहेंगी लेकिन टीसीएस उससे निपटने के लिए अपने प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले कहीं बेहतर स्थिति में है।’
तिमाही के दौरान कंपनी ने कर्मचारियों द्वारा कंपनी छोडऩे की दर 17.4 फीसदी दर्ज की जो इससे पिछली तिमाही में 15.3 फीसदी रही थी।