कंपनियां

साउथ कोरिया की Mirae Asset ने फ्रांस के बैंक से शेयरखान को खरीदा, 3,000 करोड़ रुपये में हुई डील

पेरिस मुख्यालय वाली BNP Paribas ने Sharekhan की 100 फीसदी इक्विटी का अधिग्रहण साल 2015 में कुछ निवेशकों से किया था।

Published by
सुन्दर सेतुरामन   
Last Updated- December 12, 2023 | 10:04 PM IST

दक्षिण कोरिया की मिरे ऐसेट सिक्योरिटीज (Mirae Asset Securities) ने मंगलवार को भारत की खुदरा केंद्रित ब्रोकरेज शेयरखान का अधिग्रहण 487 अरब वॉन (3,000 करोड़ रुपये) में फ्रांस की बैंक बीएनपी पारिबा से करने का ऐलान किया।

रॉयटर्स की रिपोर्ट ने एक्सचेंज को दी सूचना के हवाले से कहा है कि मिरे ऐसेट, शेयरखान की 72.76 फीसदी हिस्सेदारी बीएनपी पारिबा से करीब 288 अरब वॉन में लेगी। वह अलग से ह्यूमन वैल्यू डेवलपर्स की 99.9 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगी, जिसके पास शेयरखान की 27.24 फीसदी हिस्सेदारी है और यह सौदा करीब 199 अरब वॉन का होगा। पेरिस मुख्यालय वाले बैंक की तरफ से खुदरा ब्रोकिंग इकाई की बिक्री से उसे मुख्य बैंकिंग गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलेगी।

बीएनपी पारिबा के प्रवक्ता ने बिजनेस स्टैंडर्ड को इस सौदे की पुष्टि की, लेकिन विस्तृत जानकारी देने से मना कर दिया।

इस बीच, मिरे ऐसेट का देसी ब्रोकिंग के क्षेत्र में ऐसे समय में प्रवेश हो रहा है जब देसी इक्विटी में खुदरा भागीदारी काफी ज्यादा हो रही है और बाजार रिकॉर्ड ऊंचाई के आसपास है।

सोल की वित्तीय सेवा दिग्गज पहले से ही खुदरा ब्रोकिंग सेवाएं अपने उद्यम एम डॉट स्टॉक के जरिए दे रही है, जो शून्य ब्रोकरेज और पूरे जीवन काल के लिए फ्री डीमैट खाता 999 रुपये के शुल्क पर दे रही है।

उद्योग के प्रतिभागियों ने कहा कि शेयरखान की ब्रांडिंग और मिरे ऐसेट की तकनीक से तेजी से बढ़ते भारतीय बाजार में उन्हें अपनी ब्रोकिंग की मौजूदगी में बढ़ोतरी में मदद मिल सकती है।

नवंबर के आखिर में शेयरखान के सक्रिय ग्राहकों का आधार 6.20 लाख था, जो उद्योग का 11वां सबसे बड़ा आंकड़ा है, वहीं मिरे ऐसेट के ग्राहकों की संख्या 2.40 लाख है। संयुक्त इकाई के तौर पर वह उद्योग की 8वीं सबसे बड़ी कंपनी होगी।

पेरिस मुख्यालय वाली बीएनपी पारिबा ने शेयरखान की 100 फीसदी इक्विटी का अधिग्रहण साल 2015 में कुछ निवेशकों से किया था। सौदे के आकार का खुलासा नहीं किया गया था, लेकिन उद्योग के प्रतिभागियों ने यह सौदा करीब 2,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया था।

बीएनपी पारिबा का अधिग्रहण साल 2016 में पूरा हुआ था, जब उसे सभी नियामकों से मंजूरी मिली।शेयरखान का गठन साल 2000 में हुआ था और ऑनलाइन ट्रेडिंग की पेशकश करने वाले पहले ब्रोकरों में यह भी शामिल थी।

शेयरखान के अधिग्रहण से पहले बीएनपी पारिबा ने साल 2007 में कोच्चि की जियोजित सिक्योरिटीज की 34 फीसदी हिस्सेदारी ली थी।

कैलेंडर वर्ष 2023 के पहले 11 महीने में करीब 2.5 करोड़ डीमैट खाते जोड़े गए हैं और कुल खाते 13.5 करोड़ हो गए हैं। कैलेंडर वर्ष 2022 में 2.8 करोड़ खाते जुड़े थे और सालाना वृद्धि दर 28 फीसदी थी।

खुदरा ब्रोकिंग उद्योग का राजस्व अगले पांच साल में दोगुना से ज्यादा हो सकता है और यह अनुमान कंसल्टेंसी फर्म बेन ऐंड कंपनी ने लगाया है।

First Published : December 12, 2023 | 10:04 PM IST