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तीसरी तिमाही में कुछ स्टार्टअप लाभ में आईं, कुछ में दिखा सुधार

डेल्हिवरी, जोमैटो, पॉलिसीबाजार, ममाअर्थ जैसी स्टार्टअप कंपनियों ने FY2023-24 की तीसरी तिमाही के दौरान या तो लाभ दर्ज किया है या फिर उनके लाभ मार्जिन में सुधार हुआ है।

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आर्यमन गुप्ता   
Last Updated- February 15, 2024 | 10:36 PM IST

वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही स्टार्टअप कंपनियों के लिए महत्वपूर्ण तिमाही साबित हुई है। इस दौरान कुछ स्टार्टअप कंपनियों ने लाभ दर्ज किया है और अन्य स्टार्टअप के प्रदर्शन में सुधार हुआ है। डेल्हिवरी, जोमैटो, पॉलिसीबाजार, ममाअर्थ और नायिका जैसी स्टार्टअप कंपनियों ने वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही के दौरान या तो लाभ दर्ज किया है या फिर उनके लाभ मार्जिन में सुधार हुआ है।

परिचालन क्षमता में सुधार की मदद से लाभ के संबंध में नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने, खर्चों पर लगाम लगाने और त्योहारी सीजन की दमदार मांग से कंपनियां अपना प्रदर्शन बेहतर कर पाई हैं। दिलचस्प यह है कि विश्लेषकों को नए जमाने के इन कारोबारों में संभावनाएं दिख रही हैं, जिसे अभी तक सावधानी के साथ देखा जाता था।

पहली बार लाभ दर्ज करने वाली कंपनियों में लॉजिस्टिक क्षेत्र की यूनिकॉर्न डेल्हिवरी और फिनटेक स्टार्टअप पॉलिसीबाजार शामिल हैं। डेल्हिवरी ने तीसरी तिमाही के दौरान 11.7 करोड़ रुपये का करोपरांत लाभ (पीएटी) दर्ज किया है जबकि एक साल पहले की इसी अवधि के दौरान इसे 196 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। 

एक तिमाही पहले इसने 103 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया था। कंपनी ने एक्सप्रेस पार्सल और पार्ट ट्रक लोड (पीटीएल) श्रेणी की बदौलत वित्त वर्ष 24 की तीसरी तिमाही के दौरान राजस्व में पिछले साल की तुलना में 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की और यह बढ़कर 2,194 करोड़ रुपये हो गया। त्योहारी सीजन की वजह से एक्सप्रेस श्रेणी के राजस्व में बढ़ोतरी हुई।

दूसरी तरफ पॉलिसीबाजार की मूल कंपनी पीबी फिनटेक ने 31 दिसंबर को समाप्त तिमाही में 38 करोड़ रुपये का समेकित शुद्ध लाभ दर्ज किया, जबकि एक साल पहले 87.3 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। बीमा की बढ़ती मांग के कारण राजस्व में वृद्धि होने से इसने लाभ दर्ज किया।

 कंपनी ने कहा कि पॉलिसीबाजार और पैसाबाजार के उसके मुख्य ऑनलाइन कारोबार से राजस्व 39 प्रतिशत बढ़कर 593 करोड़ रुपये हो गया, जबकि स्वास्थ्य और टर्म बीमा कारोबार के लिए नया प्रीमियम 44 प्रतिशत बढ़ा। जहां कुल लागत तकरीबन 21 प्रतिशत बढ़ी, वहीं विज्ञापन और प्रचार खर्च एक साल पहले की तुलना में 28 प्रतिशत कम हो गया।

First Published : February 15, 2024 | 10:36 PM IST