एलआईसी के लिए छांटे निवेशक

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 7:56 PM IST

केंद्र सरकार ने भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए 50 से 60 एंकर निवेशक छांटे हैं। इनमें ब्लैकरॉक, सैंड कैपिटल, फिडेलिटी, स्टैंडर्ड लाइफ, जेपी मॉर्गन आदि शामिल हैं। सरकार जल्द ही आईपीओ के लिए एंकर बुक को अंतिम रूप देगी।
एंकर निवेशकों की प्रतिक्रिया से एलआईसी के शेयरों की कीमत तय करने में मदद मिलेगी। देश की सबसे बड़े बीमाकर्ता एलआईसी का मूल्यांकन करीब 7 लाख करोड़ रुपये किया गया है। ऐसे में इसके भारी-भरकम आईपीओ के लिए काफी संख्या में निवेशकों को भागीदारी करने का मौका मिलेगा।
एक अधिकारी ने कहा, ‘केंद्र और आईपीओ का प्रबंधन देखने वाली फर्मों ने निवेशकों के साथ मूल्यांकन का दायरा साझा किया था, लेकिन भू-राजनीतिक तनाव के कारण बाजार की परिस्थितियां बदलने से इसका मूल्यांकन उम्मीद से कम है।’ उन्होंने कहा कि एलआईसी के मूल्यांकन पर जल्द ही अंतिम निर्णय लिया जा सकता है। सरकार संस्थागत निवेशकों के लिए आईपीओ को आकर्षक बनाने के मकसद से निवेशकों से प्रतिक्रिया ले रही है। अधिकारी ने बताया कि मर्चेंट बैंकरों के परामर्श से सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की उच्च स्तरीय समिति ने जो निवेशक छांटे हैं, उनसे निवेश के वायदे की चि_ियां ली जा रही हैं। उन्होंने कहा कि इन निवेशकों को छांटे जाने के बाद भी निवेश से बाहर रहने वालों की दर 25 फीसदी रह सकती है। एक अधिकारी ने कहा कि एंकर निवेशकों के नाम जल्द ही तय कर लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पात्र संस्थागत खरीदार कोटे की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए ऐसा किया जाएगा।
निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के आकलन के आधार पर सरकार को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास आगे दस्तावेज जमा कराने और निर्गम की घोषणा के लिए 10 दिन की मोहलत चाहिए होगी।
निवेशकों के आधार को व्यापक बनाने और बाजार नियामक के दिशानिर्देशों के अनुपालन के लिए केंद्र सरकार आईपीओ के जरिये बेचे जाने वाले शेयरों की संख्या बढ़ाएगी। पहले आईपीओ के जरिये 3.16 करोड़ शेयरों की बिक्री की घोषणा की गई थी। सरकार के पास एलआईसी में 7.5 फीसदी तक हिस्सेदारी बेचने का विकल्प है, लेकिन इतनी हिस्सेदारी की बिक्री की संभावना कम ही है और उसे पहले घोषित शेयरों से करीब 0.5 फीसदी अतिरिक्त हिस्सेदारी का विनिवेश करना पड़ सकता है। केंद्र अप्रैल में एलआईसी का आईपीओ लाने की संभावना तलाश रही है क्योंकि मामला 12 मई के बाद तक टला तो सरकार और एलआईसी को सेबी के पास नए सिरे से आवेदन करना होगा। अधिकारियों ने शीर्ष मंत्रियों के समूह को अप्रैल के मध्य या अंत तक आईपीओ सूचीबद्घ कराने का सुझाव दिया है।

First Published : April 13, 2022 | 11:12 PM IST