सिंगापुर की कंपनी अरमाडा 98/2 प्राइवेट लिमिटेड अंतरराष्ट्रीय बाजारों से करीब 1 अरब डॉलर जुटाने की तैयारी कर रही है। कंपनी में 70 फीसदी हिस्सेदारी शापूरजी पलोनजी समूह (एसपी समूह) के पास है और 30 फीसदी हिस्सेदारी मलेशिया के बूमि अरमाडा समूह के पास है। बैंकिंग सूत्रों ने बताया कि जुटाई जाने वाली रकम का उपयोग पुराने कर्ज चुकाने और भारतीय कारोबार चलाने में किया जाएगा।
कंपनी ने इससे पहले भारतीय बैंकों से करीब 6,600 करोड़ रुपये जुटाए थे ताकि वह ओएनजीसी के आंध्र तट से तेल कंपनी ओएनजीसी को अपने जहाज किराये पर दे सके। बैंकरों ने कहा कि कर्ज की मियाद 7 से 10 साल के बीच होगी।
एक सूत्र ने कहा, ‘अरमाडा के पास ओएनजीसी को ठेके पर FPSO (फ्लोटिंग, प्रोडक्शन, स्टोरेज ऐंड ऑफलोडिंग) जहाज देने के लिए निर्माण कर्ज पहले से ही है। यह कर्ज चुकाना होगा और उसी हिसाब से परियोजना के लिए रकम जुटाने के वास्ते नया कर्ज लिया जाएगा।’
उसने कहा, ‘एफपीएसओ केजी बेसिन में उपयुक्त स्थान पर पहुंच गया है और परिचालन के लिए तैयार है। अब उसे ओएनजीसी द्वारा पहले तेल उत्पादन के बाद परीक्षण का इंतजार है। ओएनजीसी से हरी झंडी मिलने के बाद नया कर्ज लिया जा सकता है।’
अरमाडा 98/2 की स्थापना ओएनजीसी केजी-डीडब्ल्यूएन 98/2 निविदा के तहत अपतटीय समुद्री तेल एवं गैस सेवाएं प्रदान करने के वास्ते संयुक्त उद्यम के रूप में की गई थी। इसका नाम भी इसी से निकाला गया है। कंपनी ने परिचालन शुरू होने की तारीख से 9 साल के लिए ओएनजीसी के साथ पट्टा किया है। इसमें किराये की अवधि 7 साल तक और बढ़ाने का विकल्प है।
इस बाबत जानकारी के लिए एसपी समूह को भेजे गए मेल का खबर लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं आया।
अनुबंध के अनुसार 9 साल तक कंपनी के पास रोजाना 6,09,200 डॉलर नकदी आनी है। इसमें किसी भी तरह का आर्थिक जोखिम ओएनजीसी के जिम्मे होगा। परियोजना की कुल 1.17 अरब डॉलर की लागत में से प्रवर्तकों ने 24 करोड़ डॉलर का निवेश किया है और शेष रकम कर्ज से जुटाई गई है।
मार्च 2016 में ओएनजीसी ने आंध्र तट से दूर दूसरे क्लस्टर के विकास के लिए 5 अरब डॉलर के निवेश को मंजूरी दी थी।