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Samsung का ऐतिहासिक फैसला, 86 साल में पहली बार फैमिली से बाहर की महिला को सौंपी कमान, Kim Kyung-Ah बनीं नई सीईओ

सैमसंग बायोएपिस, जो बायोफार्मास्युटिकल इंडस्ट्री में अपनी शानदार उपलब्धियों के लिए पहचानी जाती है, ने अपने 13 साल के इतिहास में पहली बार ऐसा कदम उठाया है।

Last Updated- November 27, 2024 | 3:18 PM IST
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यह एलान उस समय हुआ है जब कुछ महीने पहले सैमसंग के इसी प्लांट में कर्मचारियों के विरोध प्रदर्शन हुए थे।
Representative image

सैमसंग बायोएपिस (Samsung Bioepis Co.) ने किम क्यूंग-आह (Kim Kyung-Ah) को अपनी नई सीईओ नियुक्त करके इतिहास रच दिया है। यह सैमसंग ग्रुप के लिए एक बड़ी और खास बात है, क्योंकि यह पहली बार है जब इस प्रतिष्ठित समूह में किसी महिला को इतने बड़े पद की जिम्मेदारी दी गई है।

यह ऐलान 27 नवंबर को किया गया, जो सैमसंग जैसे दिग्गज कॉरपोरेट समूह में एक नए बदलाव का संकेत देता है। सैमसंग बायोएपिस, जो बायोफार्मास्युटिकल इंडस्ट्री में अपनी शानदार उपलब्धियों के लिए पहचानी जाती है, ने अपने 13 साल के इतिहास में पहली बार ऐसा कदम उठाया है।

Kim Kyung-Ah की यह नियुक्ति न केवल सैमसंग के लिए बल्कि कॉर्पोरेट दुनिया में महिलाओं के बढ़ते प्रभाव का उदाहरण है। यह नई शुरुआत कई महिलाओं को प्रेरित करेगी और कॉर्पोरेट नेतृत्व में नए आयाम स्थापित करेगी।

Kim Kyung-Ah | Image: Www.Samsungbioepis.Com

डॉ. किम क्यूंग-आह ने अमेरिका की जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी से न्यूरोटॉक्सिकोलॉजी में पढ़ाई की है। वह 56 साल की हैं और बायोलॉजिकल डेवेलपमेंट (जैविक विकास) के क्षेत्र में 20 साल से ज्यादा का अनुभव रखती हैं। अब वह सैमसंग बायोएपिस कंपनी में प्रोडक्ट डेवेलपमेंट की जिम्मेदारी संभालेंगी।
उनकी पदोन्नति तुरंत लागू हो गई है और यह सैमसंग द्वारा बुधवार को किए गए प्रबंधन बदलाव का हिस्सा है।
न्यूरोटॉक्सिकोलॉजी एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें यह देखा जाता है कि रसायन और जैविक तत्व हमारे नर्वस सिस्टम (तंत्रिका तंत्र) पर क्या और कैसे बुरा असर डालते हैं।

दक्षिण कोरिया में अब भी जेंडर गैप बड़ा मुद्दा, महिलाओं का कॉर्पोरेट में प्रतिनिधित्व कम
सैमसंग में Kim Kyung-Ah का सीईओ बनना भले ही एक बड़ी उपलब्धि है, लेकिन दक्षिण कोरिया में अभी भी कॉर्पोरेट सेक्टर में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बहुत कम है। सियोल की एक कंसल्टेंसी सीईओस्कोर के अनुसार, 2023 में देश की 269 बड़ी कंपनियों के बोर्ड में महिलाओं की संख्या सिर्फ 10% है। यह स्थिति तब है, जब देश में पुरुषों और महिलाओं को एक जैसी शिक्षा दी जाती है।

हालांकि, इसमें धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। 2019 में यह आंकड़ा सिर्फ 3% था, जो 2021 में 6.9% और अब 2023 में 10% तक पहुंच गया है। यह बदलाव 2020 में सरकार द्वारा बनाए गए एक कानून की वजह से हुआ, जिसमें बड़ी कंपनियों के बोर्ड में सिर्फ पुरुषों या सिर्फ महिलाओं का होना मना किया गया।
लेकिन इसके बावजूद, देश में महिलाओं के लिए कॉर्पोरेट जगत में ऊंचे पदों तक पहुंचना अब भी मुश्किल है। आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) के अनुसार, दक्षिण कोरिया में विकसित देशों के मुकाबले सबसे ज्यादा लैंगिक वेतन असमानता (Gender Wage Gap) है।

यह आंकड़े बताते हैं कि महिलाओं को बराबरी का हक दिलाने के लिए अभी भी बहुत काम किया जाना बाकी है।

किम सैमसंग बायोएपिस में 2015 में शामिल हुई थीं। इससे पहले, उन्होंने सैमसंग एडवांस्ड इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में एक प्रमुख वैज्ञानिक और बाद में उपाध्यक्ष के रूप में काम किया। वहाँ उन्होंने कैंसर के इलाज के लिए एंटीबॉडी थेरेपी पर काम किया। किम अब सैमसंग की किसी शाखा का नेतृत्व करने वाली दूसरी महिला बन गई हैं। उनसे पहले ली बू-जिन, जो सैमसंग के संस्थापक ली ब्यूंग-चुल की पोती हैं और होटल शिला कंपनी की सीईओ हैं, यह उपलब्धि हासिल कर चुकी हैं।

सैमसंग की शुरुआत और इतिहास

सैमसंग की शुरुआत 1938 में हुई थी। इसके संस्थापक ली ब्यूंग-चुल ने दक्षिण कोरिया के दाएगु शहर में एक दुकान खोली थी, जिसमें सूखी मछलियाँ, फल और नूडल्स बेचे जाते थे। इसके बाद उन्होंने परिवहन, रियल एस्टेट, बीमा और शराब बनाने जैसे क्षेत्रों में काम बढ़ाया।

1947 में ली ने सियोल में काम शुरू किया और 1969 में सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स की स्थापना की। उन्होंने 1987 में अपनी मृत्यु तक कंपनी का नेतृत्व किया।
अब उनके पोते-पोतियां पेशेवर प्रबंधकों के साथ मिलकर सैमसंग समूह का संचालन कर रहे हैं। पूर्व चेयरमैन Lee Kun-hee की 2020 में मृत्यु के बाद से कंपनी अगली पीढ़ी के हाथों में है।

First Published - November 27, 2024 | 3:18 PM IST

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