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Samsung Strike: सैमसंग में हड़ताल जारी तो विनिर्माण के लिए जोखिम

अगर तमिलनाडु सरकार शीघ्र हस्तक्षेप नहीं करती है तो स्थिति एक दशक पहले के नोकिया के श्रीपेरंबुदूर संयंत्र के बंद होने जैसी हो सकती है।

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श्रेया नंदी   
Last Updated- September 23, 2024 | 11:34 PM IST

सैमसंग के श्रीपेरंबुदूर संयंत्र में यदि श्रमिकों की हड़ताल जल्द समाप्त नहीं होती है तो भारत के लिए वैश्विक विनिर्माण महाशक्ति बनने की अपनी चाहत में महत्त्वपूर्ण जमीन खोने का जोखिम हो सकता है। दिल्ली स्थित ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने सोमवार को यह अनुमान जताया।

अगर तमिलनाडु सरकार शीघ्र हस्तक्षेप नहीं करती है तो स्थिति एक दशक पहले के नोकिया के श्रीपेरंबुदूर संयंत्र के बंद होने जैसी हो सकती है। इसका परिणाम यह होगा कि नौकरियां समाप्त होंगी और विनिर्माण क्षेत्र में चीन का दबदबा बढ़ेगा। उद्योग मंत्रालय के पूर्व अधिकारी अजय श्रीवास्तव की रिपोर्ट के अनुसार भारत को औद्योगिक खुफिया इकाई स्थापित करनी चाहिए ताकि यह पता लग सकें कि इस तरह की बाधाएं किसी विदेशी प्रभाव के कारण तो नहीं खड़ी हो रही हैं।

सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स की चेन्नई के करीब स्थित श्रीपेरंबुदूर में विनिर्माण इकाई में उत्पादन सितंबर की शुरुआत से ही प्रभावित है। इसका कारण यह है कि इस इकाई के सैकड़ों श्रमिक वेतन बढ़ाने, कार्य के घंटे कम करने सहित अन्य मुद्दों की मांग को लेकर सितंबर की शुरुआत से ही हड़ताल पर हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, ‘यह हड़ताल सैमसंग तक सैसमंग तक सीमित नहीं रह गई है। सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (सीटू) इस क्षेत्र में अन्य प्रमुख विनिर्माण इकाइयों में अपनी पहचान बढ़ाने का प्रयास कर रहा है। सीटू क्षेत्र की फॉक्सकॉन, फ्लेक्स और सैनमिना इकाइयों में अपनी पकड़ बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। यदि इस वामपंथी संगठन पर नजर नहीं रखी गई तो तमिलनाडु का इलेक्ट्रॉनिकी विनिर्माण क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हो सकता है। इससे संभवत: व्यापक तौर पर भारत का विनिर्माण उद्योग प्रभावित होगा।’

इसके अलावा विदेशी निवेशक सैमसंग की स्थिति पर करीबी नजर रख रहे हैं। विदेशी निवेशक श्रमिक समस्या लंबे समय तक जारी रहने की स्थिति में भारत में अपनी योजनाओं पर पुनर्विचार कर सकते हैं। भारत अभी दक्षिण कोरिया और दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्रों के संगठन (आसियान) से कारोबारी समझौतों की समीक्षा कर रहा है। हड़ताल के कारण जारी स्थिति बिगड़ने की स्थिति में इन बातचीत पर भी असर पड़ सकता है।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘भारत को बहुराष्ट्रीय कंपनियों सहित बड़ी कंपनियों के विवाद निपटान के लिए प्रतिबद्ध व त्वरित तंत्र शीघ्र स्थापित करने की जरूरत है। देश में एक अत्यंत सक्रिय विवाद समाधान ढांचा स्थापित करने से श्रमिकों की अशांति पूर्ण हड़ताल में नहीं बदलेगी। सरकार को इलेक्ट्रॉनिकी विनिर्माण क्षेत्र में विवादों के समाधान के लिए विशेष कार्यबल का गठन करने पर भी विचार करना चाहिए। तमिलनाडु की अर्थव्यवस्था में इलेक्ट्रॉनिकी क्षेत्र की अहम भूमिका है।’

श्रीपेरंबुदूर में सैमसंग का विनिर्माण कारखाना 2007 में स्थापित किया गया था। इसमें लक्जरी टेलीविजन, रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन, एसी सहित अन्य उत्पादों का विनिर्माण होता है। इसमें से कुछ उन्नत डिजिटल उपकरणों का निर्यात अन्य देशों को होता है।

First Published : September 23, 2024 | 11:32 PM IST