कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (QIA) अपने पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक इकाई के जरिये रिलायंस रिटेल वेंचर्स (RRV) में 0.99 फीसदी हिस्सेदारी लेगी। इसके लिए वह 8,278 करोड़ रुपये निवेश करेगी। यह निवेश रिलायंस रिटेल की 8.278 लाख करोड़ रुपये की प्री-मनी इक्विटी वैल्यू पर किया जाएगा।
कंपनी ने एक विज्ञप्ति में आज कहा कि रिलायंस रिटेल वेंचर्स ने इससे पहले 2020 में रकम जुटाई थी, जब वैश्विक निवेशकों ने 4.21 लाख करोड़ रुपये की प्री-मनी इक्विटी वैल्यू पर 47,265 करोड़ रुपये का निवेश किया था। उस समय सिल्वर लेक, जीआईसी, पीआईएफ, केकेआर, मुबाडला, जनरल अटलांटिक, अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी, टीपीजी और एल कैटरटन ने कंपनी में निवेश किया था।
इस बार के सौदे में मॉर्गन स्टैनली RRV की वित्तीय सलाहकार थी, जबकि सिरिल अमरचंद मंगलदास और डोविस पोक ऐंड वार्डवेल ने कंपनी के कानूनी सलाहकार की भूमिका निभाई थी। आरआईएल की वित्तीय सलाहकार गोल्डमैन सैक्स ने प्रक्रिया और लेनदेन के ढांचे पर सलाह दी। एजेडबी और क्लियरी गॉटलीब ने कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी के लिए कानूनी सलाहकार की जिम्मेदारी निभाई है।
विज्ञप्ति में रिलायंस रिटेल वेंचर्स की निदेशक ईशा मुकेश अंबानी ने कहा, ‘आरआरवी में निवेशक के तौर पर क्यूआईए का स्वागत करते हुए हमें खुशी हो रही है। हम क्यूआईए के वैश्विक अनुभव और मूल्य सृजन के उसके रिकॉर्ड का लाभ उठाना चाहते हैं क्योंकि हम आरआरवी को ऐसा विश्वस्तरीय संगठन बनाना चाहते हैं, जो भारत के रिटेल क्षेत्र का कायाकल्प कर दे। क्यूआईए का निवेश बताता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था और रिलायंस के खुदरा कारोबारी मॉडल, रणनीति एवं क्रियान्वयन क्षमताओं में कितनी संभावना हैं।’
रिलायंस रिटेल वेंचर्स अपनी सहायक कंपनियों और सहयोगियों के जरिये भारत में सबसे बड़ा रिटेल कारोबार चलाती है। उसके करीब 26.7 करोड़ ग्राहक हैं और किराना, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, फैशन एवं लाइफस्टाइल और औषधि क्षेत्र में उसके 18,500 से अधिक स्टोर तथा डिजिटल कॉमर्स प्लेटफॉर्म हैं।
QIA के मुख्य कार्याधिकारी (CEO) मंसूर इब्राहिम अल-महमूद ने कहा, ‘क्यूआईए भारत के तेजी से बढ़ रहे रिटेल बाजार में वृद्धि की जबरदस्त संभावनाओं वाली नवोन्मेषी कंपनियों में निवेश करती रहेगी।’
वित्त वर्ष 2023 में रिलायंस रिटेल वेंचर्स का कुल कारोबार 2,60,364 करोड़ रुपये (31.7 अरब डॉलर) रहा था और उसे 9,181 करोड़ रुपये (1.1 अरब डॉलर) का शुद्ध लाभ हुआ था। अनुसंधान फर्म बर्नस्टीन ने 1 अगस्त को अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि उसे डिजिटल, रिटेल और नई ऊर्जा कारोबार में वृद्धि के बल पर वित्त वर्ष 2024 में रिलायंस का एबिटा 2.4 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाने का अनुमान है। कंपनी का एबिटा वित्त वर्ष 2023 में 1.5 लाख करोड़ रुपये रहा था।
रिपोर्ट में कहा गया, ‘हमें उम्मीद है कि रिटेल एबिटा 21 फीसदी सालाना चक्रवृद्धि दर से बढ़ते हुए वित्त वर्ष 2027 तक 17 फीसदी हो जाएगा। इसे मुख्य तौर पर एबिटा मार्जिन बढ़ने से बल मिलेगा। रिटेल का एबिटा मार्जिन वित्त वर्ष 2023 के 7 फीसदी से बढ़कर वित्त वर्ष 2027 में 8.5 फीसदी होने का अनुमान है।’
कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी ने भारत में जिन कंपनियों में निवेश किया है, उनमें अदाणी ग्रीन, अदाणी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई, फ्लिपकार्ट ऑनलाइन सर्विसेज, आरएमजेड कॉरपोरेशन, थिंक ऐंड लर्न, फोनपे, वरसे आदि शामिल हैं।