रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) ने नए लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदने और अधिग्रहण के लिए अपनी निवेश रणनीति में बदलाव किया है। मॉर्गन स्टैनली के ताजा आंकड़े से पता चला है कि वर्ष 2018 से अब तक कंपनी की 6.4 अरब डॉलर की कुल पूंजी में उसके नए ऊर्जा खंड का एक-चौथाई (26 प्रतिशत) से अधिक योगदान रहा है।
करीब आधा निवेश आरआईएल द्वारा अगस्त 2020 और इस साल सितंबर के बीच किए गए सौदों के जरिये हुआ। यह निवेश नई ऊर्जा, खासकर तकनीकी और दक्षता से जुड़ी वैश्विक कंपनियां खरीदने पर हुआ।
तुलनात्मक तौर पर, दूरसंचार और इंटरनेट वर्टिकलों का पिछले दो वर्षों में खर्च की गई राशि में एक-चौथाई से कम योगदान रहा। वहीं रिटेल में यह महज 10 प्रतिशत है।
रिटेल आरआईएल के लिए नया खंड बना हुआ है। वर्ष 2018 से कुल निवेश में इसकी भागीदारी अगस्त 2020 के 13 प्रतिशत से घटकर इस सितंबर में 11.78 प्रतिशत रह गई।
यह भागीदारी बढ़ाने के लिए पूंजी निवेश 1 अरब डॉलर के बराबर भी नहीं है, हालांकि यह आगामी विकास के साथ साथ नए ऊर्जा एवं दूरसंचार व्यवसाय के लिए उसका मुख्य व्यवसाय है।
इसकी वजह सामान्य है। इसके बड़े सौदे या तो उपयोगी नहीं हैं या कानूनी प्रक्रिया में फंसे हुए हैं। सूत्रों का कहना है कि कंपनी ने हाल में वालग्रीन्स से बूट्स को खरीदने की कोशिश की और करीब 6 अरब डॉलर की पेशकश की थी। लेकिन मालिकों ने बिक्री नहीं करने का निर्णय लिया था।
वहीं 3.3 अरब डॉलर में फ्यूचर ग्रुप अधिग्रहण के लिए किशोर बियाणी के साथ आरआईएल का समझौता भी कानूनी बाधाओं में फंस गया। सूत्रों का कहना है कि आरआईएल भी मैट्रो कैश ऐंड कैरी को खरीदने की दौड़ में शामिल कंपनियों में से एक है।
वर्ष 2018 से आरआईएल द्वारा विभिन्न सौदों पर खर्च की गई कुल राशि में भागीदारी के संदर्भ में दूरसंचार और इंटरनेट खंड अभी भी नंबर एक पर रहा है। अगस्त 2020 के 56 प्रतिशत से यह कमजोर पड़कर इस सितंबर में 39 प्रतिशत पर रह गया है।कुछ वर्टिकलों में अच्छी तेजी आ रही है, खासकर डिजिटल और मैटेरियल, रसायन, और पारंपरिक ऊर्जा।
डिजिटल क्षेत्र में निवेश जनवरी से 180 प्रतिशत तक बढ़कर इस साल सितंबर में 31.1 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया। रसायन, मैटेरियल, और पारंपरिक ऊर्जा में निवेश समान अवधि में 56 प्रतिशत बढ़ा। मॉर्गन स्टैनली के आंकड़े में कहा गया है कि आरआईएल ने कई सेगमेंट में स्पष्ट तौर पर अधिग्रहण या हिस्सेदारी खरीद के सौदे नहीं किए हैं।