रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने आज कहा कि उसने सनमाइना के साथ एक संयुक्त उद्यम के लिए करार किया है। आरआईएल चेन्नई में एक इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण केंद्र बनाने के लिए इस अमेरिकी कंपनी की भारतीय इकाई में निवेश करेगी।
रिलायंस की सहायक कंपनी रिलायंस स्ट्रैटजिक बिज़नेस वेंचर्स लिमिटेड इस संयुक्त उपक्रम में 50.1 फीसदी हिस्सेदारी के लिए 1,670 करोड़ रुये में नए शेयर खरीदेगी, जबकि विश्व की छठी सबसे बड़ी इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण सेवा कंपनी (ईएमएस) के पास शेष हिस्सेदारी रहेगी। इस निवेश से संयुक्त उपक्रम को अपनी वृद्धि पर खर्च करने के लिए 20 करोड़ डॉलर की नकदी मिल जाएगी। रिलांयस को अपने निवेश से 5जी तकनीक एवं दूरसंचार उपकरण बेचने वाली दुनिया की दिग्गज कंपनियों में शुमार होने में और एरक्सिन तथा नोकिया को टक्कर देने की अपनी योजना आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।
सनमााइना का चेन्नई में संयंत्र है। यह दूरसंचार उत्पादों एवं नेटवर्क के लिए भारत सरकार की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना के लिए पात्र कंपनियों में शामिल है। सनमाइना को इस योजना के तहत उत्पादन मूल्य पर 4 से 6 फीसदी प्रोत्साहन मिलेगा। यह संयुक्त उपक्रम रिलायंस की दूरसंचार इलेक्ट्रॉनिक्स एवं उपकरणों की जरूरत पूरी कर पाएगा क्योंकि कंपनी पूरे भारत में 5जी नेटवर्क बिछाने की तैयारी कर रही है।
रिलांयस का एचएफसीएल में भी थोड़ा निवेश है, जिससे वह ऑप्टिक फाइबर आदि खरीदती है। एचएफसीएल ही 5जी रेडियोज का डिजाइन और विनिर्माण कर रही है। यह उन देसी कंपनियों में शुमार है, जो पीएलआई योजना के तहत पात्र हैं। यह संयुक्त उद्यम 5जी के अलावा क्लाउड बुनियादी ढांचे और हाइपर स्केल डेटा सेंटर जैसे अन्य क्षेत्रों में भी उतरेगा। रिलायंस ईएमएस कंपनी के साथ सहयोग करने वाली दूसरी दूरसंचार ऑपरेटर बन जाएगी, क्योंकि वह सरकार के मेक इन इंडिया निर्माण अभियान को ध्यान में रखते हुए लागत घटाने के तरीकों पर विचार कर रही है। भारती एयरटेल पहले ही डिक्सन टेक्नोलॉजीज के साथ समझौता कर चुकी है। यह समझौता दूरसंचार उत्पाद निर्माण करने के लिए संयुक्त उपक्रम बनाने के लिए किया गया है जो पांच साल में दूरसंचार कंपनी के साथ 85 प्रतिशत पुनर्खरीद समझौते के साथ उत्पाद तैयार करेगा।
यह संयुक्त उपक्रम पीएलआई योजना के तहत भी आता है। एयरटेल ने कोर और रेडियो, दोनों के लिए 5जी टेक्नोलॉजी को ध्यान में रखते हुए टाटा समूह के साथ भी भागीदारी की है। दूसरी तरफ टाटा समूह ने तेजस नेटवर्क में बड़ी हिस्सेदारी खरीदी है जो दूरसंचार हार्डवेयर उत्पादन के लिए पीएलआई योजना के लिए भी पात्र है। सनमाइना सिर्फ संचार क्षेत्र में ईएमएस कंपनी के तौर पर सीमित नहीं है। यह कई अन्य उद्योगों से जुड़ी हुई है जो रिलायंस की वृद्घि से संबंधित नए महत्वपूर्ण क्षेत्रों से जुड़े हुए हैं। उदाहरण के लिए सन्मिना ग्रीन एनर्जी स्पेस में प्रमुख कंपनी है और वह टेक्नोलॉजी सॉल्युशन, स्मार्ट मीटर और इलेक्ट्रिक कार चार्जर मुहैया कराती है, जो आरआईएल के अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में बड़े निवेश के अनुकूल हैं।
