प्रतीकात्मक तस्वीर
तेल से लेकर दूरसंचार क्षेत्र की दिग्गज कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में अपने ऑयल टू केमिकल (O2C) खंड के लिए अनुमान से बेहतर प्रदर्शन कर बाजार को चकित कर दिया। आरआईएल के अधिकारियों ने इस शानदार प्रदर्शन का श्रेय कच्चे माल की अनुकूल खरीदारी और मजबूत बिक्री को दिया। हालांकि उन्होंने लागत अनुकूलन और अन्य उपायों को भी इसमें मददगार माना।
कंपनी के अधिकारियों ने पिछले सप्ताह वित्तीय नतीजों के बाद एक कॉल में कहा कि घरेलू उत्पाद प्लेसमेंट, ईंधन छूट और गैसोलीन उत्पादन के लिए कम मार्जिन वाले एरोमेटिक्स से परहेज कुछ ऐसे उपाय हैं जिन पर काम चल रहा है।
आरआईएल के मुख्य वित्तीय अधिकारी वी श्रीकांत ने कॉल के दौरान कहा, ‘हम कुछ चीजों पर ध्यान दे रहे हैं। उदाहरण के लिए, एरोमेटिक्स के बजाय परिवहन ईंधन को प्राथमिकता देना। एरोमेटिक्स के लिए माहौल (कमजोर मार्जिन) को देखते हुए हमारे लिए परिवहन ईंधन के उत्पादन को प्राथमिकता देना उचित था।’
आरआईएल के ओ2सी व्यवसाय का राजस्व एक साल पहले के मुकाबले 6 फीसदी बढ़कर 1.49 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया और इस सेगमेंट का एबिटा 2.4 फीसदी बढ़कर 14,402 करोड़ रुपये रहा। इसने पिछली दो तिमाहियों में आई कमजोरी को दूर करने में मदद की है।
आरआईएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने एक प्रेस वक्तव्य में कहा कि ओ2सी कारोबार ने अपनी मजबूत क्षमता का प्रदर्शन किया है और वैश्विक ऊर्जा बाजारों में अस्थिरता के इस लंबे दौर में भी वृद्धि दर्ज की है। अधिकारी ने अपने कहा कि लागत अनुकूलन के लिए अन्य उपायों में डिलिवरी, लोडिंग और उत्पाद इस्तेमाल के लिए बड़े जहाजों का उपयोग करना भी शामिल है।
गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) के विश्लेषकों ने 17 जनवरी की रिपोर्ट में कहा, ‘एनर्जी सेगमेंट ने मजबूत ओ2सी आय की वजह से हमारे अनुमान से बेहतर प्रदर्शन किया। रिफाइनिंग सेगमेंट में तिमाही एबिटा वृद्धि अनुमान से बेहतर रही।’ आरआईएल के ओ2सी में रिफाइनिंग, फ्यूल-रिटेलिंग और पेट्रोकेमिकल शामिल हैं।
फ्यूल रिटेलिंग के बारे में श्रीकांत ने कहा कि कंपनी ने मांग को देखते हुए घरेलू ईंधन बिक्री पर अधिक ध्यान दिया है। उन्होंने कहा, ‘आरआईएल के फ्यूल-रिटेल की बिक्री सालाना आधार पर 44 फीसदी तक बढ़ी है और इसे ‘हैप्पी आवर’ पेट्रोल स्कीम जैसी हमारी कुछ खास योजनाओं से मदद मिली है।’
आरआईएल ने निवेशकों को जानकारी दी है कि कंपनी की गैसोलीन रिटेल बिक्री 44 फीसदी तक बढ़ी और डीजल बिक्री में एक साल पहले के मुकाबले 23 फीसदी तक की तेजी आई। इस बीच, ओ2सी डिवीजन से निर्यात में लगातार कमजोरी दिखी है और यह 9.3 फीसदी तक घटकर 67,672 करोड़ रुपये रह गया।
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