रिलायंस पावर की सहायक कंपनी रोजा पावर ने सिंगापुर स्थित कर्जदाता वर्डे पार्टनर्स को 850 करोड़ रुपये का कर्ज समय से पहले चुका दिया है। कंपनी द्वारा जारी बयान के अनुसार, यह कदम अपनी देनदारियों को समय से पहले खत्म करने के प्रयासों का हिस्सा है।
इस प्रीपेमेंट से रोजा पावर अपनी कर्जमुक्ति के और करीब पहुंच गई है। गौरतलब है कि रोजा पावर की मुख्य कंपनी, रिलायंस पावर, इस महीने की शुरुआत में पूरी तरह कर्ज मुक्त हो चुकी है।
उत्तर प्रदेश स्थित कोयला प्लांट संचालक रोजा पावर इस वित्तीय वर्ष के अंत तक पूरा कर्ज चुकाने का लक्ष्य रख रहा है, और अपनी शेष देनदारियों को अगले तिमाही में निपटाने की योजना बना रहा है।
शाहजहांपुर में 1,200 मेगावाट क्षमता वाले कोयला आधारित थर्मल पावर प्लांट का संचालन करने वाली रोजा पावर अब अपनी बैलेंस शीट को और मजबूत करने की दिशा में अग्रसर है, जिससे कंपनी की मुख्य कंपनी रिलायंस पावर को अक्षय ऊर्जा जैसे नए विकास क्षेत्रों में विस्तार में मदद मिलेगी।
यह कदम रिलायंस पावर की वित्तीय स्थिति को मजबूती देने के लिए लिया गया है, जिसमें कंपनी ने इस सप्ताह 1,525 करोड़ रुपये के प्रेफरेंशियल इश्यू को मंजूरी दी है। इसमें से 600 करोड़ रुपये से अधिक की राशि रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर से आएगी, और बाकी राशि ऑथम इन्वेस्टमेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर तथा सनातन फाइनेंशियल एडवाइजरी सर्विसेज से प्राप्त होगी।
रिलायंस पावर ने पहले ही यह बताया था कि इस इश्यू से जुटाई गई राशि का उपयोग कंपनी के विस्तार कार्यों के लिए सीधे तौर पर और उसकी सहायक कंपनियों व जॉइंट वेंचर्स के माध्यम से किया जाएगा। इसके साथ ही, इस पूंजी का इस्तेमाल मौजूदा कर्ज को कम करने और सामान्य कॉर्पोरेट जरूरतों के लिए भी किया जाएगा।
कंपनी के बयान के अनुसार, इस प्रेफरेंशियल इश्यू से रिलायंस पावर की कुल संपत्ति 11,155 करोड़ रुपये से बढ़कर 12,680 करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगी, जिससे कंपनी अपने शून्य बैंक कर्ज का स्टेटस (zero-bank-debt) बनाए रखेगी। पूंजी निवेश और कर्ज में कमी से रिलायंस पावर को नए व्यापार क्षेत्रों, विशेष रूप से अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में विस्तार करने की लचीलापन मिलेगा।
कंपनी ने 2022 में वर्डे पार्टनर्स से लगभग 1,000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था, जो एक रीफाइनेंसिंग अरेंजमेंट का हिस्सा था। इस अरेंजमेंट का उद्देश्य कंपनी की समग्र उधारी लागत को कम करना और लिक्विडिटी मैनेजमेंट को बेहतर बनाना था।