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दहाणु विद्युत संयंत्र की क्षमता बढ़ाएगी रिलायंस एनर्जी

Last Updated- December 06, 2022 | 12:44 AM IST

रिलायंस एनर्जी महाराष्ट्र के ठाणे जिले में अपने दहाणु ताप विद्युत संयंत्र की क्षमता बढ़ाने की योजना बना रही है।


कंपनी इस संयंत्र की मौजूदा 500 मेगावाट की क्षमता बढ़ा कर 1700 मेगावाट करने के लिए 1200 मेगावाट के दो विद्युत संयंत्र स्थापित करेगी।रिलायंस एनर्जी के निदेशक ललित जालान ने बताया, ‘फिलहाल हम पर्यावरण के प्रभाव का आकलन अध्ययन कर रहे हैं और कुछ ही सप्ताह में इसकी रिपोर्ट तैयार कर ली जाएगी। इसके बाद हम क्षमता में बढ़ोतरी की अनुमति प्राप्त करने के लिए संबद्ध नियामक प्राधिकरणों और सर्वोच्च न्यायालय से संपर्क करेंगे।’


उन्होंने कहा कि इसके लिए तकरीबन 2400 करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत होगी और 24 महीने के अंदर इस क्षमता में विस्तार कर दिया जाएगा। इसके अलावा रिलायंस एनर्जी ने सल्फर डाईऑक्साइड उत्सर्जन घटाने के लिए 270 करोड़ रुपये के निवेश से एक फ्लू गैस डीसल्फराईजेशन प्लांट (एफजीडी)  स्थापित किया है। यह एफजीडी दहानु तालुका एनवायरनमेंट प्रोटेक्शन अथॉरिटी (डीटीईपीए)  के निर्देश पर लगाया गया है।


मुंबई में 26.3 करोड़ ग्राहकों को बिजली की आपूर्ति करने वाली रिलायंस एनर्जी ने 2007-08 के दौरान अपनी विद्युत मांग पूरी करने के लिए 1015 करोड़ रुपये में 484.8 करोड़ यूनिट विद्युत ऊर्जा की बाहरी स्रोतों (खासकर टाटा पावर) से खरीदारी की थी। कंपनी की महाराष्ट्र में रायगढ़ जिले के शाहपुर में 2400 मेगावाट का विद्युत संयंत्र स्थापित करने की भी योजना है, लेकिन भूखंड उपलब्ध कराए जाने में हो रहे विलंब के कारण इसे अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है।


केंद्र सरकार की अधिसूचना के मुताबिक दहाणु पारिस्थितिकीय रूप से कमजोर क्षेत्र है और किसी भी तरह के विस्तार के लिए पर्यावरण एवं वन मंत्रालय और डीटीईपीए से मंजूरी प्राप्त करना अनिवार्य है। स्थानीय दहानु तालुका एनवायरनमेंट प्रोटेक्शन गु्रप और अन्य पर्यावरणविदों ने दहाणु में इस परियोजना के खिलाफ कानूनी लड़ाई तेज कर दी है।


कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि एफडीजी ने सितंबर, 2007 से कामकाज शुरू किया था और फिलहाल रिलायंस एनर्जी का सल्फर उत्सर्जन स्तर महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा निर्धारित किए गए मानकों से भी कम है।


अधिकारियों के मुताबिक अपनी शुरुआत से ही संयंत्र ने पर्यावरण मानकों में सुधार के लिए कम सल्फर और कम राख वाले कोयला का आयात शुरू कर दिया था। इसके अलावा कंपनी ने संयंत्र के आसपास बड़े पैमाने पर हरियाली को बढ़ावा दिया है।

First Published - April 30, 2008 | 1:11 AM IST

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