प्रतीकात्मक तस्वीर
इस साल भारतीय रियल एस्टेट में संस्थागत निवेश ने मजबूत शुरुआत की है। इस साल पहली तिमाही के दौरान संस्थागत निवेश में बड़ा इजाफा हुआ है। इस निवेश में यह वृद्धि घरेलू निवेशकों द्वारा किए गए बड़े निवेश के कारण हुई है। इसके साथ ही घरेलू निवेश औद्योगिक व वेयरहाउसिंग और आवास क्षेत्र पर केंद्रित था। शहरों के मामले में सबसे अधिक मुंबई ने संस्थागत निवेश हासिल किया। इसके बाद बेंगलूरु दूसरे नंबर पर रहा। कुल निवेश में मुंबई की हिस्सेदारी 22 फीसदी और बेंगलूरु की 20 फीसदी दर्ज की गई।
आवासीय सेगमेंट में संस्थागत निवेश तीन गुना बढ़ा
घरेलू निवेश में बड़ी वृद्धि की वजह आवास, औद्योगिक और वेयरहाउसिंग सेगमेंट में संस्थागत निवेश तेजी से बढ़ना है। कॉलियर्स के अनुसार 2025 की पहली तिमाही के दौरान आवासीय क्षेत्र में संस्थागत निवेश 2024 की इसी अवधि में होने वाले निवेश से लगभग तीन गुना अधिक था। आवास क्षेत्र में निवेश इस अवधि में 10 करोड़ डॉलर से बढ़कर 30 करोड़ डॉलर हो गया। इस दौरान औद्योगिक व वेयरहाउसिंग में निवेश 17 करोड़ डॉलर से बढ़कर 30 करोड़ डॉलर हो गया। हालांकि इस दौरान ऑफिस सेक्टर में निवेश 56 करोड़ डॉलर से घटकर 43 करोड़ डॉलर रह गया। दिलचस्प बात यह है कि तिमाही के दौरान आवासीय क्षेत्र में होने वाले कुल निवेश में आधे से अधिक विदेशी निवेश का योगदान रहा, जिसमें चुनिंदा बड़े सौदे शामिल रहे। कॉलियर्स इंडिया के वरिष्ठ निदेशक और शोध प्रमुख विमल नादर ने कहा, ” आवास क्षेत्र में संस्थागत निवेश सालाना आधार पर इस साल की पहली तिमाही के दौरान तीन गुना बढ़कर 30 करोड़ डॉलर हो गया। आवासीय कीमतों में निरंतर वृद्धि, लक्जरी आवास की बढ़ती मांग और चल रहे बुनियादी ढांचे के विकास से आगामी तिमाहियों में आवासीय रियल एस्टेट में संस्थागत निवेश को बढ़ावा मिलता रहेगा।