रियल एस्टेट

भारत का REIT सेक्टर बना निवेशकों की पहली पसंद, 6 साल में 2.3 लाख करोड़ रुपये हुए वैल्यू

भारत का REIT सेक्टर छह वर्षों में मुख्यधारा की निवेश श्रेणी बन गया है और 2026 से SEBI के नए फैसले से इसमें घरेलू और संस्थागत निवेश बढ़ने की संभावना है।

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रामवीर सिंह गुर्जर   
Last Updated- December 22, 2025 | 3:06 PM IST
भारत का रियल एस्टेट इनवेस्टमेंट ट्रस्ट (REIT) सेक्टर महज छह वर्षों में एक नीतिगत प्रयोग से निकलकर एक मजबूत और मुख्यधारा की निवेश श्रेणी बन चुका है। ANAROCK Capital की रिपोर्ट “India REITs–Taking a Stride” के अनुसार भारत के REIT सेक्टर की ग्रॉस एसेट वैल्यू (GAV) अब लगभग 2.3 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है। भारत के REIT सेक्टर ने हांगकांग को पीछे छोड़ दिया है। सितंबर 2025 तक भारत के REIT सेक्टर का इक्विटी मार्केट कैपिटलाइजेशन 1.66 लाख करोड़ रुपये रहा, जो अब हांगकांग के REIT बाजार से भी बड़ा हो चुका है, जबकि भारत में अभी केवल 32 फीसदी REIT-योग्य संपत्तियां ही सूचीबद्ध हैं।

पांच REITs के पास 17.6 करोड़ वर्ग फुट से अधिक संपत्ति

अगस्त 2025 में Knowledge Realty Trust के लिस्ट होने के बाद भारत में अब कुल पांच सूचीबद्ध REITs हैं। ये ट्रस्ट मिलकर लगभग 17.6 करोड़ वर्ग फुट Grade-A ऑफिस और रिटेल स्पेस के साथ-साथ 2,000 से अधिक कमरों वाला हॉस्पिटैलिटी प्लेटफॉर्म संचालित कर रहे हैं। 2019 से यह सेक्टर तेजी से विकसित हो रहा है। ANAROCK Capital के एमडी (इनवेस्टमेंट बैंकिंग) विशाल सिंह के अनुसार, “2019 में पहले REIT की लिस्टिंग के बाद से यह सेक्टर तेज़ी से बढ़ा है। Embassy, Mindspace, Brookfield India, Nexus और अब Knowledge Realty Trust,  जो GAV और NOI के हिसाब से भारत का सबसे बड़ा ऑफिस REIT है। निवेशकों को बेंगलूरु, एनसीआर, मुंबई, हैदराबाद, पुणे, चेन्नई और प्रमुख टियर-II शहरों में विविध निवेश का अवसर दे रहे हैं।” सिंह ने यह भी बताया कि REIT से मिलने वाली आय टैक्स के लिहाज़ से किफायती है, जहां लगभग 65 फीसदी तक की आय टैक्स-फ्री होती है।

REIT से मजबूत रिटर्न और स्थिर आय

ANAROCK Capital के CEO शोभित अग्रवाल के मुताबिक,“Q2 FY26 के नतीजे दिखाते हैं कि REITs ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी और बाजार की अस्थिरता के बावजूद शानदार प्रदर्शन किया है।”अब तक, शुरुआती चार REITs की यूनिट कीमतों में 25 से 61 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है, जबकि नया Knowledge REIT लिस्टिंग के बाद से ही करीब 12 फीसदी चढ़ चुका है। ट्रेलिंग 12 महीने की डिस्ट्रीब्यूशन यील्ड 5.1 से 6 फीसदी के बीच बनी हुई है। FY26 की दूसरी तिमाही में ही REITs ने 2,331 करोड़ रुपये का वितरण किया, जो साल-दर-साल आधार पर लगभग 70 फीसदी की वृद्धि है।
महत्वपूर्ण बात यह है कि भारतीय REIT सूचकांकों ने 5 साल में 8.9 फीसदी का वार्षिक रिटर्न दिया है, जो सिंगापुर, जापान और हांगकांग में REITs द्वारा दिये गए रिटर्न से काफी बेहतर है क्योंकि इन देशों में से कई ने इसी अवधि के दौरान नेगेटिव रिटर्न भी दिया है।

90 फीसदी से अधिक ऑक्यूपेंसी, मजबूत बैलेंस शीट

REIT ऑक्यूपेंसी के मामले में भी बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। REIT पोर्टफोलियो की ऑक्यूपेंसी 90 से 96 फीसदी के बीच है। Q2 FY26 में देशभर की कुल ऑफिस लीजिंग का 20 फीसदी से अधिक हिस्सा REITs के पास रहा। जिसमें अकेले एम्बेसी और नॉलेज ने लगभग 25 लाख वर्ग फुट लीज पर लिया।
सभी पांच REITs के पास मजबूत बैलेंस शीट है। सभी 5 REITs को क्रिसिल से AAA क्रेडिट रेटिंग प्राप्त है। साथ ही वे 18 से 31 फीसदी का कम लोन-टू-वैल्यू रेशियो, औसत कर्ज लागत 7.4–7.5 फीसदी, मजबूत इंटरेस्ट कवरेज रेशियो (2.2x–4.0x) के साथ किराये में 15 से 24 फीसदी की अनुमानित वृद्धि के साथ काम कर रहे हैं। भारतीय REITs ने ESG के मोर्चे पर भी अपनी मजबूत पहचान बनाई है। सभी पांच REITs को GRESB 5-स्टार रेटिंग मिली है

SEBI के फैसले से REIT सेक्टर को नई रफ्तार

REIT सेक्टर के लिए एक बड़ा नियामकीय बदलाव आने वाले समय में पूंजी प्रवाह की नई लहर खोलने वाला है। नवंबर 2025 में SEBI ने REIT यूनिट्स को ‘इक्विटी-संबंधित इंस्ट्रूमेंट’ के रूप में पुनर्वर्गीकृत किया, जो 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होगा।
इस बदलाव के बाद REIT निवेश अब डेट या हाइब्रिड कैटेगरी से निकलकर सीधे मुख्यधारा की इक्विटी कैटेगरी में शामिल हो जाएगा। इससे न सिर्फ 2026 के मध्य से इक्विटी इंडेक्स में शामिल होने का रास्ता खुलेगा, बल्कि म्यूचुअल फंड्स के लिए REIT में निवेश की सीमा भी बढ़ेगी। जिससे घरेलू पूंजी की भागीदारी में उल्लेखनीय इजाफा होने की उम्मीद है।
विशाल सिंह ने कहा, जनवरी 2026 से SEBI के फैसले के लागू होते ही REIT ट्रस्ट्स अब केवल हाई-यील्ड विकल्प नहीं रहेंगे, बल्कि इक्विटी पोर्टफोलियो का एक अनिवार्य हिस्सा बन जाएंगे। आने वाले समय में इंडेक्स में शामिल होने और घरेलू निवेशकों की बढ़ती भागीदारी के चलते यह सेक्टर निकट भविष्य में  20 बिलियन डॉलर के मार्केट कैप को पार करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।”
First Published : December 22, 2025 | 3:06 PM IST