इन दिनों कई डेवलपर्स अपने मकानों को नहीं बेच पा रहे हैं। उन घरों की बिक्री के लिए वे ग्राहकों को रिझाने में लगे हैं।
इस काम के लिए ग्राहकों को मकान की खरीदारी के साथ और भी कई लालच दिए जा रहे हैं। लेकिन ग्राहकों को यह पता चल चुका है कि मकान खरीदने के लिए उन्हें मिलने वाले लालच या अतिरिक्त लाभ सिर्फ मकान बेचने का तरीका है।
ग्राहकों के लिए अतिरिक्त छूट की बातें सिर्फ दिखावे की बात है। असल में ग्राहकों को कोई रियायत नहीं दी जा रही है। फ्लैटों की वास्तविक कीमत में कोई कमी नहीं की जा रही है। बिल्डर्स या डेवलपर्स ग्राहकों को फंसाने के लिए जिस छूट की बात करते हैं, वे उनकी भरपाई भी ग्राहकों से बाद में कर लेते हैं। जब खरीदार मकान को अपने अधीन लेने जाता है तो विक्रेता उनपर विभिन्न शर्तों को लादकर अपनी भरपाई कर लते है।
इस मामले में चेतन सोमानी के उदाहरण को ले सकते हैं। चेतन को मुंबई के उपनगर कांडीवाली में मकान की तलाश थी। मकान खोजने के दौरान वह कई डेवलपर्स से मिले। एक डेवलपर्स ने उन्हें एक बिल्डिंग की पहली मंजिल पर मकान दिखाया। उसने यह भी कहा कि मकान को खरीदने पर उन्हें तय कीमत 6,500 रुपये पर प्रति वर्गमीटर 500 रुपये की छूट दी जाएगी।
जब उनकी खरीद की औपचारिकताएं पूरी होने वाली थी तो डेवलपर्स की टीम उनके पास आई और कहा कि उन्हें इस मकान के साथ पार्किंग की जगह भी खरीदनी पड़ेगी। ऐसा नहीं करने पर उन्हें रियायत नहीं दी जाएगी। पार्किंग की कीमत 4 रुपये बताई गई।
इसी तरह एक अन्य डेवलपर्स ने उन्हें प्रतिवर्गमीटर 700 रुपये की छूट देने की बात कही। जब वे इस खरीद के लिए चेक देने वाले थे तो उस डेवलपर्स ने कहा कि प्रति वर्गमीटर 600 रुपये का अतिरिक्त भुगतान करना पड़ेगा। क्योंकि यह मकान किसी और के नाम से आवंटित है।
मुंबई के थाणे इलाके में एक डेवलपर्स तो घर की खरीदारी के साथ कार देने की बात कर रहा था। उनका दावा है कि वे खरीदारों को बैंक से कम ब्याज दरों पर कर्ज भी दिला देंगे। जहां ब्याज दर 10 फीसदी के आसपास है वे दो कोपरेटिव बैंकों से 8 फीसदी की दर से ब्याज दिलाने का दावा करते हैं। बाद में ग्राहकों ने पाया कि कार देने की बात बंपर प्राइज थी तो 8 फीसदी की दर से कर्ज दिलाने का मामला मजह कुछ दिनों के लिए था।
बेंगलुरु की फर्म ऑरेंज प्रॉपर्टी लोगों को प्रत्येक घर के साथ एक ऑडी कार देने की पेशकश कर रही है। यह फर्म अन्य डेवलपर्स के मकान को बेचने का काम करती है। इस फर्म के पास उपलब्ध सुपर लक्जरी मकान की कीमत 3.49 करोड़ रुपये हैं। इस बिक्री को ऑडी के साथ जोड़ने का मतलब है कि लोगों को यह लगे कि कार कंपनी इस घर को खरीदने वालों को ऑडी की कोई अलग मॉडल दे रही है।
मुंबई के जोंस मेघराज के एमडी पंकज रेनझन कहते हैं, ‘डेवलपर्स मकान के आधार मूल्य से नीचे जाकर ग्राहकों को रियायत नहीं दे सकता है। क्योंकि इस लागत में जमीन की कीमत और मकान निर्माण की लागत शामिल होती है। डेवलपर्स ग्राहकों को खरीदारी के लिए आकर्षित करने के वास्ते उन्हें विभिन्न प्रकार के ऑफर देता है।
यह ऑफर अतिरिक्त कीमत को तय करने के बाद दिया जाता है। जब इस प्रकार की छूट के बारे में ध्यान से अध्यय करेंगे तो पाएंगे कि इस प्रकार की छूट पैसे के लिहाज से कोई खास महत्व नहीं रखती है।’
बीएनपी पारिबा रियल एस्टेट के अधिकारी राजा कौशल कहते हैं, ‘इन दिनों रियल एस्टेट के बाजार में गिरावट आ रही है। ऐसे में छोटे डेवलपर्स अपनी बिक्री को बढ़ाने के लिए इस प्रकार की योजना को अपना रहे हैं। कौशल के मुताबिक मकान के साथ गिफ्ट देने की योजना भारत में दुबई के डेवलपर्स की नकल है। भारत के छोटे डेवलपर्स इस मामले में दुबई के डेवलपर्स के तरीकों का अनुसरण कर रहे हैं।’
मध्यपूर्व के देशों में डेवलपर्स मकान को बेचने की खातिर कार कंपनी के साथ गठबंधन कर लेते है। या फिर अन्य प्रकार की रियायत देने की बात करते हैं। जिन मकानों के साथ इस प्रकार की छूट की घोषणा की गई थी उनकी बिक्री या तो हो चुकी है या फिर होने को है। सभी विशेषज्ञों का यही कहना है कि इस प्रकार की छूट देने की बात सिर्फ छोटे डेवलपर्स करते है।
जानकारों का कहना है कि प्रॉपर्टी के बड़े खिलाड़ी बाजार में तेजी आने तक का इंतजार कर सकते है। उनके पास बाजार में टिकने की ताकत है। जाने-माने डेवलपर्स हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड अपने मकानों की बिक्री पर शायद ही कोई छूट देने की बात करता है।
एचडीआईएल के निदेशक जोसेफ पट्टाथू कहते हैं, ‘मकान बनाने की लागत बढ़ती जा रही है। हम पहले ही मकान की कीमत उस इलाके की बिक्री कीमत के मुकाबले 15 फीसदी कर रखते हैं। यानी कि साधारण तरीके से मूल्य में कमी।’ और इस प्रकार की छूट अन्य छूट के मुकाबले बेहतर है।
घर खरीदने के समय ध्यान देने योग्य बातें
रियल एस्टेट के जानकारों का मानना है कि इससे जुड़ा बाजार धीरे-धीरे खरीदारों की तरफ जा रहा है। नाइट फ्रैंक के चेयरमैन प्रणय वकील कहते हैं, खरीदार अब जान गए हैं कि डेवलपर्स के साथ सौदेबाजी कैसे की जाती है। एक साल पहले तक डेवलपर्स नियम तय करते थे। तब वे खरीदारों के समक्ष दो प्रकार के विकल्प रखते थे। या तो वे मकान को उनकी शर्तों पर खरीद ले या फिर छोड़ दे।
प्रतिस्पर्धा का सृजन
खरीदारों को बाजार में डेवलपर्स के बीच प्रतियोगिता का सृजर करना चाहिए। खरीदारों को इस काम के लिए बिल्डरों के बीच बिक्री की होड़ पैदा करने की भूमिका अदा करनी चाहिए। अगर आपको कोई मकान पसंद आ जाता है तो आप बिल्डर्स को कहे कि उन्हें उसी कीमत उसी इलाके में वैसा ही मकान मिल रहा है।
असली खरीदारी
खरीदार को विक्रेता के सामने हमेशा यह दर्शाना चाहिए कि वह असली खरीदार है और वह किसी और मकसद से विक्रेता के पास नहीं आया है। ऐसे में विक्रेता के साथ सही तरीके से सौदेबाजी की जा सकती है।
अपने बजट का खुलासा
अगर आपका बजट मकान की तय कीमत से थोड़ा कम है तो आप निश्चित रूप से इस बात की जानकारी डेवलपर्स को दे। वकील कहते हैं, ‘अगर डेवलपर्स इस बात से सहमत हो गया कि आप असली खरीदार है तो वह जरूर तय कीमत में कमी करके आपके हाथ मकान बेचेगा क्योंकि कोई भी डेवलपर्स अपना ग्राहक नहीं खोना चाहता है। लेकिन वह आपसे यह भी जरूर कहेगा कि इस बात का खुलासा कही और न करे।’
प्रॉप्राइटर से मिले
मकान की सौदेबाजी के दौरान सेल्स व मार्केटिंग के कर्मचारी आपसे मुलाकात करते हैं। इनकी अपनी सीमाएं होती हैं और इस पर कई प्रकार की पाबंदियां भी होती हैं। आप किसी प्रॉपर्टी में विशेष रुचि ले रहे हैं तो उस डेवलपर्स के साथ मीटिंग तय कर उनसे मुलाकात करने की कोशिश करे। निश्चित रूप से यह मुलाकात आपको उस मकान की खरीदारी में काम आएगी।
तैयार रहे
खरीदारी से पहले होमवर्क जरूर करें। हाउसिंग लोन के लिए सैध्दांतिक रूप से अनुमति लेने की कोशिश करे। इससे डेवलपर्स का रुझान आपकी तरफ हो जाएगा।
अंत में
अगर इन सब उपायों से भी बात नहीं बनी तो आप अखबार में अपनी जरूरतों के हिसाब से विज्ञापन दे। इस विज्ञापन को देख कई लोग आपके कॉल करेंगे। और इनमें से कई असली विक्रेता भी होंगे। अपनी जरूरतों के हिसाब से विक्रेताओं को तय करे और फिर उनसे सौदेबाजी करे।