भारत में आलीशान मकानों की मांग तेजी से बढ़ती जा रही है। इसका कारण आय बढ़ना, नियुक्तियां बढ़नी, कर में रियायतें, तकनीक का प्रयोग बढ़ना और महंगी जीवनशैली जीने की इच्छा है।
ढनाढ्य निवेशकों (HNI)और अनिवासी भारतीयों (NRI) का निवेश आलीशान मकानों में तेजी से बढ़ा है। विशेषज्ञों के मुताबिक HNI और NRI कर रियायतों का फायदा लेने, दीर्घावधि तक संपत्ति के दाम स्थिर रहने, अभी ब्याज दर कम रहने और करेंसी के अवमूल्यन के फायदे के कारण आलीशन मकानों को पसंद कर रहे हैं। युवा NRI भी अनुकूल मुद्रा विनिमय दरों और सुधारों के कारण आलीशान मकान खरीद रहे हैं।
अचल संपत्ति के विशेषज्ञों के मुताबिक नए जमाने की पीढ़ी कई छोटी संपत्तियों खरीदने से परहेज कर रही है। इसकी जगह एक बार में निवेश करके आलीशान व आरामदायक घर खरीदने की ओर रुख कर रही है।
हालिया दौर में नए जमाने की पीढ़ी में कई छोटे घर खरीदने की ललक कम हो रही है। हीरानंदानी समूह के प्रबंध निदेशक निरंजन हीरानंदानी के मुताबिक, ‘‘किफायती खंड दामों को लेकर संवेदनशील रहता है और इसमें मार्जिन कम होता है।
किफायती मकानों की वृद्धि कमजोर पड़ रही है। इसका कारण यह है कि विकास शुल्क, प्रीमियम चार्ज, अतिरिक्त फ्लोर स्पेस सूचकांक, स्वीकृतियां, जमीन अधिग्रहण और भूमि का स्वामित्व बदलने की लागत बढ़ रही है। विशेषज्ञों के मुताबिक मध्यम और आलीशान मकान 12-15 फीसदी की दर से बढ़ रहे हैं। इस खंड में यह गति कायम रहने की उम्मीद है।
शोध एनारॉक के मुताबिक 2022 के दौरान सात प्रमुख शहरों में 3.65 लाख इकाइयां बेची गईं। इनमें 18 फीसदी आलीशान श्रेणी (करीब 65,860 इकाइयां) थीं। इन इकाइयों का मूल्य 1.5 करोड़ रुपये से अधिक था हालांकि 2019 में 2,61,000 इकाइयां बेची गई थीं जिनमें आलीशान मकान करीब 7 फीसदी (करीब 18,270 इकाइयां) थीं।
महामारी का दौर कम होने के बाद आलीशान खंड में वृद्धि तेजी से बढ़ गई और प्रमुख बाजारों में किफायती बाजार से अधिक आलीशान मकान की मांग रही। डवलपनों ने भी आलीशान मकानों की आपूर्ति बढ़ा दी है।
माईरी कैपिटल के मुख्य कार्याधिकारी व संस्थापक आर्यमान वीर के मुताबिक डिस्पोजेबल आय बढ़ने और वेतन में औसतन 10 फीसदी बढ़ोतरी के कारण आलीशान मकान को वरीयता दी जाने लगी है।
वर्तमान समय में ढनाढ्य निवेशक अपना धन सुरक्षित निवेश कर रहे हैं ताकि उतार – चढ़ाव के दौर में सुरक्षा व स्थायित्व रहे।
वीर ने कहा कि आलीशान खंड ने खासतौर पर विदेशी निवेश को आकर्षित किया है और इसमें उच्च निवेश की संभावना है।
डीएलएफ के समूह कार्यकारी निदेशक व मुख्य व्यवसाय अधिकारी आकाश ओहरी ने बताया कि बीते दो वर्षों के दौरान कई एनआरआई भारत में मकान खरीदने के इच्छुक हैं। उद्योग के विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना के कमजोर होने के बाद आलीशान मकान जरूरत बन गए हैं और इससे इनकी बिक्री तेजी से बड़ी है। ऐसे ज्यादातर ग्राहक एक करोड़ से ऊपर की संपत्ति खरीद रहे हैं। हालांकि कुछ विशेषज्ञों के मुताबिक सरकार के पूंजीगत लाभ पर कैप लगाने के कारण आलीशान मकानों की मांग तेजी से बढ़ी है।