कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के प्रमुख शहरों में कमर्शियल रियल एस्टेट का बाजार मजबूत बना हुआ है। वित्त वर्ष 2025 में ऑफिस स्पेस की लीजिंग अच्छी रही, जिससे खाली जगहों की संख्या कम हुई और कब्जा बढ़ा है। टॉप 7 शहरों में कुल ऑफिस स्पेस मार्च 2025 तक 707 मिलियन स्क्वायर फीट हो गया है, जो पिछले साल की तुलना में 7% ज्यादा है। इस दौरान नए ऑफिस स्पेस की सप्लाई 43.1 मिलियन स्क्वायर फीट रही, जबकि लीजिंग के कारण 42.1 मिलियन स्क्वायर फीट स्पेस भरा गया। खाली जगहें 14.5% से घटकर 13.7% हो गई हैं। इससे पता चलता है कि ऑफिस स्पेस की मांग बढ़ रही है।
बेंगलुरु, मुंबई और पुणे में बड़े ऑफिस स्पेस की डील्स सबसे ज्यादा हुई हैं। मार्च 2025 की तिमाही में इन तीन शहरों में 6 बड़ी डील्स हुईं, जो टॉप 10 डील्स का हिस्सा हैं। लिस्टेड कंपनियों में एम्बेसी ने 4th क्वार्टर में 1.6 मिलियन स्क्वायर फीट स्पेस लीज किया, माइंडस्पेस ने 2.8 मिलियन स्क्वायर फीट और ब्रुकफील्ड ने 0.7 मिलियन स्क्वायर फीट।
रिपोर्ट में बताया गया है कि GCC (ग्लोबल कैपिटल कंट्रीब्यूटर्स) कंपनियों की ओर से ऑफिस स्पेस की मांग लगातार बढ़ रही है, जिससे खाली स्पेस कम हो रहा है। फ्लेक्स ऑफिस ऑपरेटर्स भी सक्रिय हैं। SEZ क्षेत्र की डिनोटिफिकेशन से भी ऑफिस स्पेस की लीजिंग में मदद मिली है। कई बड़ी कंपनियां 90% से ज्यादा कब्जा पाने में सफल रही हैं और बाकी कंपनियां भी यह लक्ष्य 2026 तक पूरा करना चाहती हैं।
DLF के पास 17.3 मिलियन स्क्वायर फीट का नया ऑफिस स्पेस निर्माणाधीन है, जो उसके 45 मिलियन स्क्वायर फीट के ऑपरेशनल स्पेस का 38% है। इसी तरह एम्बेसी REIT और माइंडस्पेस REIT के भी नए प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं, जो ऑफिस स्पेस की सप्लाई को और बढ़ाएंगे।
रिपोर्ट के अनुसार, शीर्ष IT कंपनियों ने वित्त वर्ष 2025 की आखिरी तिमाही में 2000 नए कर्मचारी जोड़े हैं। IT कंपनियों में ऑफिस वापसी (return-to-office) को बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि काम की दक्षता बढ़े। अधिकांश IT कंपनियों में कर्मचारियों की उपयोगिता दर लगभग 85% बनी हुई है, जो अच्छी संकेत है।