प्रतीकात्मक तस्वीर
यूरोप के लिए उड़ानें शुरू करने की तैयारियों में जुटी घरेलू एयरलाइन इंडिगो ने बुधवार को कहा कि वह नॉर्स अटलांटिक एयरवेज के साथ समझौते के तहत अपने बेड़े में तीन अन्य बोइंग 787-9 विमान शामिल करेगी। फिलहाल गुरुग्राम मुख्यालय वाली एयरलाइन दिल्ली और मुंबई से इस्तांबुल के लिए तुर्की एयरलाइंस से पट्टे पर लिए गए चौड़े आकार वाले दो बोइंग 777 विमानों का संचालन करती है।
इंडिगो ने फरवरी की शुरुआत में नॉर्स अटलांटिक एयरवेज के साथ एक बोइंग 787 विमान को पट्टे पर लेने के लिए एक सौदे की घोषणा की थी। इंडिगो ने बयान में कहा कि इस सौदे में शामिल बोइंग 787 विमान की आपूर्ति प्रक्रिया पटरी पर है। कंपनी ने कहा कि वह एक मार्च, 2025 से दिल्ली-बैंकॉक मार्ग पर परिचालन शुरू करने वाली है। इसके साथ ही एयरलाइन ने तीन बोइंग 787-9 विमानों को पट्टे पर लेने के लिए नॉर्स अटलांटिक एयरवेज के साथ एक डैम्प लीज समझौता किए जाने की भी जानकारी दी। ये विमान वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में भारत पहुंचेंगे और भारत से बाहर लंबी दूरी के मार्गों पर सेवाएं देंगे।
डैम्प लीज समझौते में पट्टेदार विमान देने के साथ उसका रखरखाव भी करता है जबकि चालक दल एवं बीमा का इंतजाम पट्टा लेने वाली एयरलाइन को करना होता है। एयरलाइन ने कहा कि इन तीन विमानों का डैम्प लीज समझौता छह महीने के लिए हुआ है लेकिन नियामकीय अनुमोदन के अधीन इसे 18 महीने तक बढ़ाया जा सकता है।
इंडिगो के मुख्य कार्यपालक अधिकारी पीटर एल्बर्स ने कहा कि यह महत्वपूर्ण उपलब्धि इंडिगो की अपनी वैश्विक उपस्थिति को व्यापक बनाने और अपने ग्राहकों को यात्रा के अधिक अवसर प्रदान करने की रणनीतिक प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है। इंडिगो ने कहा कि चौड़े आकार वाले इन विमानों के उसके बेड़े में शामिल होने के बाद उसके पास चौड़े आकार वाले विमानों की संख्या बढ़कर छह हो जाएगी। इंडिगो ने 30 एयरबस 350-900 विमानों का एक ऑर्डर भी दिया है, जिसमें अतिरिक्त 70 विमानों का विकल्प भी है, जिनकी आपूर्ति 2027 से शुरू होने की उम्मीद है।
साल 2025 के लिए संभावनाओं पर इंडिगो के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एल्बर्स ने दिसंबर, 2024 में कहा था कि छोटे आकार के ए321 एक्सएलआर विमान अगले साल याने साल 2025 में आएंगे। ये विमान लंबी दूरी तक उड़ान भर सकते हैं और इससे एयरलाइन को लंबी अवधि की सीधी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू करने में मदद मिलेगी। करीब 18 साल से उड़ान भर रही इंडिगो के पास 400 से ज्यादा विमानों का बेड़ा है और उसने 30 बड़े आकार के ए350-900 विमानों का ऑर्डर दिया है।
एलारा कैपिटल ने बताया था कि भारत के बड़े हवाईअड्डों पर क्षमता बढ़ने और प्रतिस्पर्धी कंपनियों की सीमित क्षमता से इंडिगो को आगे बढ़ने के अच्छे मौके मिले हैं। FY25 की पहली छमाही में हवाईअड्डों का औसत उपयोग 90% था। नए हवाईअड्डों और रनवे विस्तार से FY28 तक हर साल 12% की मांग बढ़ने की उम्मीद है। इंडिगो के बड़े विमान ऑर्डर और एयरक्राफ्ट बढ़ाने की क्षमता से कंपनी को बाजार में फायदा हो सकता है। कंपनी ने FY26 की पहली तिमाही तक विमान की ग्राउंड संख्या को 60 से घटाकर 40 तक लाने की योजना बनाई है।
2024 में अंतरराष्ट्रीय ट्रैफिक कुल ट्रैफिक का 20% था, और FY28 तक इसमें हर साल 12% की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। भारतीय एयरलाइंस, खासतौर पर इंडिगो, अंतरराष्ट्रीय स्लॉट्स का अच्छा इस्तेमाल करके 14% तक की ज्यादा बढ़ोतरी हासिल कर सकती हैं। हालांकि, ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में 90 डॉलर प्रति बैरल से अधिक की वृद्धि और विमान संचालन में देरी कंपनी के प्रदर्शन के लिए जोखिम बन सकते हैं।
दिसंबर तिमाही में कंपनी का नेट प्रॉफिट 18 प्रतिशत घटकर 2,450.1 करोड़ रुपये रहा। कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में बताया था कि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में इंडिगो को 2,986.3 करोड़ रुपये का लाभ हुआ था। चालू वित्त वर्ष 2024-25 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में विमानन कंपनी की कुल आय बढ़कर 14.6 प्रतिशत बढ़कर 22,992.8 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 20,062.3 करोड़ रुपये थी। दिसंबर तिमाही के दौरान एयरलाइन की क्षमता और यात्रियों की संख्या में वृद्धि हुई है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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