प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
देश में अपने मौजूदा दो संयंत्रों में रेलवे लाइन बिछाने के बाद मारुति सुजूकी इंडिया अब अगले 3 से 4 वर्षों के भीतर खरखौदा के अपने नए संयंत्र में इसी तरह की सुविधा कायम करने की योजना बना रही है। कंपनी के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक (कॉर्पोरेट मामले) राहुल भारती ने आज यह जानकारी दी। वे मंगलवार सुबह रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा संयुक्त रूप से संयंत्र के अंदर नई रेलवे लाइन का उद्घाटन करने के बाद मारुति के मानेसर संयंत्र में संवाददाताओं से बात कर रहे थे।
मानेसर में ढुलाई के लिए नवनिर्मित रेलवे लाइन वाहन क्षेत्र में भारत की सबसे बड़ी ऐसी सुविधा है और यह 126 किलोमीटर लंबे हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर (एचओआरसी) का हिस्सा है। पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर योजना के तहत विकसित की गई यह रेलवे लाइन सड़क की भीड़भाड़ घटाएगी और कार्बन उत्सर्जन में खासी कमी लाएगी।
मारुति के अनुसार इस परियोजना से कंपनी को 1,75,000 टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन से बचने और सालाना 6 करोड़ लीटर ईंधन बचाने में मदद मिलेगी। भारती ने कहा, ‘इससे हमें अपनी कारों को न्यूनतम रखरखाव के साथ विदेश भेजने का आदर्श तरीका हासिल करने में मदद मिलेगी – कारखाने की असेंबली लाइन से लेकर रेक और जहाज तक।’ उन्होंने रेलवे लाइन से कंपनी के निर्यात लॉजिस्टिक को मिलने वाले प्परोत्साहन पर प्रकाश डाला।
इस सुविधा का निर्माण 452 करोड़ रुपये के निवेश से किया गया है। इसमें से 325 करोड़ रुपये मारुति सुजूकी ने हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचओआरसीएल) के संयुक्त उद्यम में अपने इक्विटी योगदान के तहत दिए हैं और शेष 127 करोड़ रुपये आंतरिक यार्ड के विकास के लिए दिए गए हैं।