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ज्यादा दवाओं के पैकेट पर QR कोड की योजना

नकली दवाओं पर रोक लगाने की पहल

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संकेत कौल   
Last Updated- October 09, 2024 | 11:27 PM IST

दवा नियामक निकाय, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने अधिक दवा ब्रांडों के पैकेट पर क्यूआर कोड लगाने की योजना बनाई है। ‘सीआईआई फार्मा ऐंड लाइफ साइंसेज’ सम्मेलन के मौके पर अलग से बातचीत में भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) एवं केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के प्रमुख राजीव सिंह रघुवंशी ने कहा कि नियामक निकाय उन ब्रॉन्डों की संख्या बढ़ाने पर विचार कर रहा है, जिनके पैकेजिंग पर क्यूआर कोड होता है। इसका मकसद बाजार में नकली दवाओं को आने से रोकना है।

पिछले साल सीडीएससीओ ने अलेग्रा, कैलपॉल और डोलो जैसे 300 शीर्ष ब्रांडों पर क्यूआर कोड या बारकोड कड़ाई से लागू करने का आदेश दिया था, जिसके बाद यह विचार हो रहा है। ये क्यूआर कोड दवाओं की प्रामाणिकता बताते हैं, क्योंकि स्कैन में विनिर्माता का नाम और पता, एक्सपायरी की तिथि जैसी जानकारी प्रदर्शित होती है।

नियामक ने यह भी कहा कि गुणवत्ता मानदंडों को पूरा नहीं करने के कारण 50 विनिर्माताओं को अपने उत्पादों को वापस लेने का आदेश दिया गया है, जबकि 5 नकली दवाओं के निर्माताओं के खिलाफ मामला दर्ज करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। सीडीएससीओ के मासिक ड्रग अलर्ट में करीब 50 दवाएं कम गुणवत्ता (एनएसक्यू) की पाई गई थीं और 5 अन्य दवाओं को नकली प्रकृति में वर्गीकृत किया गया।

उन्होंने कहा कि हर महीने सीडीएससीओ बाजार से लगभग 2,000 से अधिक नमूनों का परीक्षण करता है और उनमें से ‘लगभग 40-50 नमूने एक या अधिक मानदंडों पर विफल होते हैं, जो बहुत मामूली मानदंड हो सकते हैं। इनसे कोई भी स्वास्थ्य जोखिम नहीं होता है और हम उसकी जानकारी अपने पोर्टल पर देते हैं।’ बद्दी, रुड़की और हरिद्वार जैसे चुनिंदा इलाकों में जांच बढ़ाए जाने, जहां एनएसक्यू दवाएं ज्यादा पाई जा रही हैं, के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि सीडीएससीओ पूरे देश से नमूने लेता है और फिलहाल इसके लिए विशिष्ट स्थान निर्धारित करने की कोई योजना नहीं है।

First Published : October 9, 2024 | 11:21 PM IST