लोकप्रिय ऑनलाइन गेम पबजी की मालिक एवं प्रकाशक पबजी कॉर्पोरेशन ने फैसला किया है कि वह भारत में इस गेम के मोबाइल संस्करण की फ्रैंचाइजी चीनी फर्म टेनसेंट गेम्स को नहीं देगी। इस फैसले से इस लोकप्रिय ऑनलाइन गेम के एक बार फिर से भारतीय उपयोगकर्ताओं के मोबाइल फोन पर लौटने की संभावना पैदा हो गई है।
दक्षिण कोरिया की कंपनी पबजी कॉर्पोरेशन ने मंगलवार को जारी एक ब्लॉग में कहा कि वह भारत सरकार के कदम का सम्मान करती है क्योंकि गेम में शामिल प्रतिभागियों की निजता एवं डेटा सुरक्षा उसके लिए उच्च प्राथमिकता रखती है। कंपनी ने कहा, ‘पबजी कॉर्पोरेशन अब इस देश के भीतर गेम के प्रकाशन संबंधी सारी जिम्मेदारियां संभालेगी। निकट भविष्य में भारत के लिए हम अपना पबजी गेमिंग अनुभव मुहैया कराने के तरीकों पर गौर कर रहे हैं। हम अपने प्रशंसकों के लिए एक स्थानीय एवं स्वस्थ माहौल प्रदान कर ऐसा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’
भारत सरकार ने पिछले हफ्ते राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए पबजी समेत 118 मोबाइल ऐप पर पाबंदी लगा दी थी। इन सभी ऐप का संचालन चीन की कंपनियों के हाथों में था। हालांकि पबजी कॉर्पोरेशन दक्षिण कोरियाई कंपनी है लेकिन इस गेम के मोबाइल संस्करण का फ्रैंचाइजी अधिकार चीन की कंपनी टेनसेंट गेमिंग के हाथों में ही है। टेनसेंट की ब्लूहोल स्टूडियो में भी 10 फीसदी हिस्सेदारी है जो कि पबजी कॉर्पोरेशन की मूल कंपनी है।
जानकारों का कहना है कि पबजी कॉर्पोरेशन के इस फैसले से भारत में पबजी को राहत मिल सकती है। विशेषज्ञ तकनीकी कानूनी फर्म टेकलेजिस एडवोकेट्स ऐंड सोलिसिटर के प्रबंध साझेदार सलमान वारिस कहते हैं, ‘इस कदम से दक्षिण कोरियाई कंपनी के लिए सरकार के समक्ष अपील का एक कानूनी रास्ता खुलता है। अदालतों से भी वह इस पाबंदी पर रोक लगाने की गुहार लगा सकती है। हालांकि इस तरह का कोई भी फैसला इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की समीक्षा समिति ही लेगी।’
वारिस का कहना है कि तकनीकी परिप्रेक्ष्य से पबजी कॉर्पोरेशन को भारत में सर्वर लगाने की जरूरत पड़ेगी जिसमें 3 से 6 महीने लग जाएंगे। लेकिन इसमें जितना अधिक विलंब होगा, पबजी की बाजार हिस्सेदारी पर असर उतना ही अधिक होगा। जानकारों का मानना है कि पबजी पर पाबंदी हटने की स्थिति में दक्षिण कोरियाई कंपनी फिर से अपने ग्राहकों को जोडऩे में सफल हो जाएगी। ऐसा होने पर दूसरे लोकप्रिय गेम मसलन- कॉल ऑफ ड्यूटी, फोर्ट नाइट, फ्री फायर और जल्द ही पेश किए जाने वाले भारतीय गेम फौजी पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। इंडियन गेमिंग लीग के मुख्य कार्याधिकारी यश परियानी कहते हैं, ‘अगर पबजी भारत में वापसी करता है तो अभी बढ़ रही गेमिंग कंपनियों को तगड़ा झटका लगेगा। इसकी वजह पबजी को पहले से हासिल लोकप्रियता है।
पबजी ने कई अपडेट पेश कर खुद को प्रतिभागियों के बेहद अनुकूल बना लिया था।’ पबजी के दुनिया भर में करोड़ों प्रशंसक हैं। अब तक 60 करोड़ से अधिक बार इस गेम को डाउनलोड किया जा चुका है और 5 करोड़ से अधिक लोग इसे वैश्विक स्तर पर खेलते हैं। वहीं भारत में पबजी का इस्तेमाल करने वालों की संख्या करीब 3.3 करोड़ रही है।
इस बड़े बाजार को देखते हुए ही इस गेम की डेवलपर कंपनी भारत में वापसी की संभावनाएं तलाश रही है। उसने कहा है कि वह भारत के कानूनों एवं नियमों का पूरी तरह पालन करते हुए प्रशंसकों को फिर से इससे जोडऩे की दिशा में काम करेगी।
