दिल्ली सरकार ने निजी स्वामित्व वाली तीन बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) को आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत घोषित विशेष ऋण योजना का लाभ उठाने के लिए अनुमति दे दी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिस्कॉम के लिए अलग से इस ऋण पैकेज की घोषणा की थी। चूंकि ऋण के लिए राज्य सरकार को गारंटी देनी होगी और दिल्ली एक केंद्र शासित प्रदेश है, ऐसे में उसने केंद्रीय गृह मंत्रालय को दिल्ली की ओर से सरकारी गारंटी देने के लिए पत्र लिखा है।
यदि इसकी मंजूरी मिल जाती है तो दिल्ली की डिस्कॉम कंपनियां इस ऋण के लिए आवेदनकर्ताओं में प्रथम स्थान पर होंगी। वित्त मंत्रालय ने अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए घोषित अपने 15 सूत्री एजेंडा में बीमार पड़े बिजली वितरण क्षेत्र में जान फूंकने के लिए विशेष तरलता योजना की घोषणा की थी। केंद्र डिस्कॉम में करीब 90,000 करोड़ रुपये डालने को लेकर आशान्वित है। इस ऋण में कठोरता पूर्वक यह प्रावधान किया गया है कि इससे डिस्कॉम बिजली उत्पादन और पारेषण कंपनियों के बकायों का भुगतान करेंगी। विद्युत वित्त निगम (पीएफसी) और ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) ऋण का वितरण करेंगी।
तीन डिस्कॉम- रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के स्वामित्व वाली बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड (बीआरपीएल) और बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड (बीवाईपीएल) तथा टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (टीपीडीडीएल) ने 15,500 करोड़ रुपये के ऋण की मांग की है। इस रकम का उपयोग दिल्ली सरकार के स्वामित्व वाली दो बिजली उत्पादन इकाइयों आईपीजीसीएल और पीपीसीएल तथा पारेषण कंपनी दिल्ली ट्रांसमिशन लिमिटेड के बकायों के भुगतान के लिए किया जाएगा।
केंद्रीय गृह मंत्रालय को लिखे अपने पत्र में दिल्ली सरकार ने कहा, ‘बिजली खरीद लागतों और कोविड-19 के प्रसार के कारण उपभोक्ताओं से संग्रह क्षमता में उल्लेखनीय कमी आने के कारण, इस क्षेत्र को आगे काम जारी रखने के लिए नकदी समर्थन की जरूरत होगी। दिल्ली की वितरण कंपनियों ने कोविड-19 के असर से उत्पन्न तरलता संकट को पूरा करने के लिए प्रस्तावित 90,000 करोड़ रुपये की तरलता निवेश पैकेज के तहत पीएफसी से ऋण के लिए अनुरोध किया है।’
पत्र के अनुसार कुल मांगे गए ऋण में से बीआरपीएल ने 3,050 करोड़ रुपये, बीवाईपीएल ने 2,300 करोड़ रुपये और टीपीडीडीएल ने 1,000 करोड़ रुपये की मांग की है जिससे दिल्ली में बिजली उत्पादन इकाइयों के बकाये मूलधन का भुगतान किया जाएगा।
