विश्लेषकों का कहना है कि आईसीआईसीआई बैंक के शेयर में वित्त वर्ष 2023 के दौरान रेटिंग में बदलाव किया जा सकता है, क्योंकि ऋणदाता ने वित्त वर्ष 2022 का समापन मार्च तिमाही के मजबूत प्रदर्शन के साथ किया है।
जहां कई ब्रोकरों ने अपने आय/प्रतिफल-अनुपात अनुमानों को संशेधित किया है, वहीं कुछ ने आर्थिक अनिश्चितताओं को ध्यान में रखते हुए अपने पिछले अनुमानों को बरकरार रखा है।
फिर भी विश्लेषकों का कहना है कि तेज वृद्घि, मजबूत परिसंपत्ति गुणवत्ता, और कम ऋण लागत के साथ आईसीआईसीआई बैंक लगातार प्रति शेयर आय (ईपीएस) के साथ अच्छे कम जोखिम वाले प्रतिफल को बरकरार रख सकता है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज का कहना है, ‘जहां इस शेयर ने सापेक्ष आधार पर अच्छा प्रदर्शन किया है, वहीं मौजूदा मूल्यांकन ने रेटिंग बदलाव के लिए पर्याप्त संभावना पैदा की है। यह शेयर वित्त वर्ष 2023 के लिए अच्छी स्थिति में है और इसने निवेशकों के लिए मजबूत प्रतिफल दिया है, क्योंकि आईसीआईसीआई बैंक लगातार मजबूत प्रतिफल अनुपात और वृद्घि की अपनी यात्रा पर आगे बढ़ रहा है।’
शनिवार को मुंबई स्थित इस ऋणदाता ने वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही के शुद्घ लाभ में सालाना आधार पर 59 प्रतिशत की वृद्घि दर्ज की, क्योंकि उसे शुद्घ ब्याज आय में तेजी और कम प्रावधानखर्च से मदद मिली। उसका शुद्घ लाभ 7,019 करोड़ रुपये पर रहा, एनआईआई 21 प्रतिशत बढ़कर 12,605 करोड़ रुपये पर रही जबकि शुद्घ ब्याज मार्जिन चौथी तिमाही में सालाना आधार पर 16 आधार अंक और तिमाही आधार पर 4 आधार अंक बढ़कर 4 प्रतिशत पर रहा। इसके अलावा, ऋण लागत लगभग शून्य रही, क्योंकि बैंक प्रबंधन ने अपने आकस्मिक प्रावधान में इजाफा (ऋणों के 0.9 प्रतिशत) किया। कुल ऋण वृद्घि (सालाना आधार पर 17 प्रतिशत और तिमाही आधार पर 6 प्रतिशत) काफी हद तक मॉर्गेज पर आपधारित रही, बिजनेस बैंकिंग (सालाना आधार पर 43 प्रतिशत तक बढ़ा), और क्रेडिट कार्ड (सालाना आधार पर 45 प्रतिशत तक) जबकि होलसेल क्रेडिट में भी तेजी (सालाना आधार पर 12.2 प्रतिशत तक की वृद्घि) आई।
ब्रोकरेज का कहना है, ‘आईसीआईसीआई बैंक द्वारा अपनी दीर्घावधि संभावना को मजबूत बनाकर बेहतर प्रदर्शन किए जाने की संभावना है और वह ईकोसिस्टम बैंकिंग (होलसेल बैंकिंग) और न्यू-टु-बैंक (एनटीबी) कस्टमर फनल्स (रिटेल बैंकिंग) में लगातार निवेश के जरिये बढ़त बना रहा है।’
एचडीएफसी सिक्योरिटीज का कहना है, ‘हमने कम ऋण लागत को ध्यान में रखते हुए वित्त वर्ष 2023ई/वित्त वर्ष 2024ई के अपने आय अनुमान 4 प्रतिशत/1.5 प्रतिशत तक बढ़ाए हैं और 1,006 रुपये के कीमत लक्ष्य के साथ खरीदें की रेटिंग बरकरार रखी है।’
एमके गेबल भी ऋणदाता के परिदृश्य को लेकर आशान्वित है। ब्रोकरेज ने कहा है, ‘मजबूत ऋण वृद्घि, बेहतर मार्जिन, और कम ऋण नुकसान वाले प्रावधान को देखते हुए हमने वित्त वर्ष 2022-24 ईपीएस को करीब 3 प्रतिशत तक अपग्रेड किया है और आरओई को 16-17 प्रतिशत कर दिया है।’
एचडीएफसी के साथ घटता अंतर
एमके ग्लोबल के अनुसार, आईसीआईसीआई बैंक वित्त वर्ष 2025ई के 1.8 गुना एबीवी पर कारोबार कर रहा है और उसका मूल्यांकन अंतर प्रतिस्पर्धी एचडीएफसी बैंक के साथ घटा है। एचडीएफसी बैंक को प्रबंधन बदलाव, तकनीकी चुनौतियों और अब विलय को लेकर गतिरोध से जूझना पड़ा है। मूल्यांकन अंतर में और कमी आने की संभावना है, क्योंकि आईसीआईसीआई बैंक ने अपने प्रमुख प्रदर्शन को बरकरार रखा है और एचडीएफसी बैंक को विलय से संबंधित चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
सतर्कता जरूरी
नोमुरा का मानना है कि एनआईएम में सुधार से वित्त वर्ष 2022 में एनआईआई, प्रावधान-पूर्व लाभ में मददगार एनआईआई में अब तेजी आने की संभावना है। उसने कहा है, ‘हमारा मानना है कि आरओई सुधार अब धीरे धीरे होगा, उसे ऋण लागत में वृद्घि से मदद मिलेगी।’ हालांकि विश्लेषकों का कहना है कि चुनौतियों के साथ निवेशकों को कुछ सतर्कता बरतने की जरूरत भी होगी।