अगस्त में राइट्स इश्यू पूरा करने वाली पीरामल फार्मा ने 958 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाया है और अब खुद के दम पर बढ़त हासिल करने, लागत नियंत्रण और परिचालन के मामले में बेहतरी पर ध्यान देने की योजना बना रही है। कंपनी 1 अरब डॉलर के राजस्व की ओर बढ़ रही है, जिसने दूसरी तिमाही में 1,911 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया। सोहिनी दास को दिए साक्षात्कार में पीरामल फार्मा की चेयरपर्सन नंदिनी पीरामल ने भविष्य की योजनाओं पर विस्तार से बातचीत की। मुख्य अंशः
पिछला साल सीडीएमओ व क्रिटिकल केयर कारोबार के लिए मुश्कल भरा था। इस साल हमने रिकवरी देखी है। हमारा ध्यान खुदरा के दम पर वृद्धि हासिल करने और अपनी विस्तार योजना पर अमल करने पर है। साथ ही लागत नियंत्रण व परिचालन के मोर्चे पर बेहतरी हासिल करने का भी लक्ष्य है।
सीडीएमओ बिजनेस वृद्धि हासिल करता रहेगा और लोग मैन्युफैक्चरिंग की आउटसोर्सिंग जारी रखेंगे। ग्राहक अनिवार्य तौर पर नए संयंत्र व पूंजीगत खर्च में निवेश नहीं करने जा रहे। लेकिन वे हर उत्पादों के लिए कई सप्लायर को लेकर जोखिम घटाने पर ध्यान देंगे। कुल मिलाकर गुणवत्ता व टिकाऊपन पर ग्राहकों का ध्यान रहेगा।
यह गहन पूंजी वाला कारोबार है। हम उन सभी कारोबार में निवेश जारी रखेंगे, जहां हमें ऑर्डर मिलेंगे और जहां हमें रिटर्न दिखता है। पहली छमाही में हमने 4 करोड़ डॉलर का पूंजीगत खर्च किया है और दूसरी छमाही में भी हमारी योजना इतनी ही रकम खर्च करने की है।
पेटेंट वाले उत्पादों के विनिर्माण के अनुबंध का फायदा यह है कि वहां हमेशा ही वृद्धि होती है। वहां हर साल कारोबार की मात्रा भी बढ़ेगी। गैर-पेटेंट वाले उत्पाद प्रतिस्पर्धा का सामना करते हैं। इसलिए जरूरी नहीं है कि कारोबार बढ़े ही। ऐसे में हम अपने उत्पादों के मिश्रण में पेटेंट वाले उत्पादों की हिस्सेदारी बढ़ाएंगे।
अगले एक से पांच साल में हम अपने हॉस्पिटल जेनेरिक कारोबार का वाणिज्यिकरण करेंगे। ये विकास के विभिन्न चरणों में हैं। हम देखते हैं कि अस्पताल क्या चाहते हैं। हमारे पास क्या ऐसा उत्पाद है जो उनके मुताबिक हो और कीमत भी वांछित हो। यह जेनेरिक कारोबार है। हर साल आधार का कुछ क्षरण होता है। पीरामल फार्मा का 55 फीसदी सीडीएमओ से, करीब 35 फीसदी हॉस्पिटल जेनेरिक से और बाकी 15 फीसदी ओटीसी उत्पादों से आता है।
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हमने कर्ज में 958 करोड़ रुपये की कमी की है। हमने अपना राइट्स इश्यू अगस्त में पूरा किया। हमारी योजना आगे और कर्ज घटाने के लिए आंतरिक स्रोतों का इस्तेमाल करने की और इसे साल के अंत तक एबिटा के 3 गुना से नीचे लाने की है। इसके बाद हमारा ध्यान खुद के दम पर वृद्धि, कर्ज घटाने, परिचालन के मोर्चे पर बेहतरी और लागत नियंत्रण पर है।
यह हमारे लिए काफी बड़ा है। हम इस पर नजर नहीं डाल रहे।