वालमार्ट की कंपनी फोनपे ने कहा कि फरवरी में डिजिटल भुगतान बाजार में उसकी बादशाहत बरकरार रही है।
फोनपे के माध्यम से 97 करोड़ यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) लेनदेन हुए हैं, जबकि यूपीआई, कार्ड व वालेटों से कुल 1.07 अरब से ज्यादा लेन देन हुए हैं।
फोनपे ने कहा है कि इस वृद्धि से उपभोक्ताओं के मजबूत तरजीह और बेहतर अनुभव के संकेत मिलते हैं।
फर्म की प्रतिस्पर्धा गूगल पे, पेटीएम, एमेजॉन पे से होती है। कंपनी ने कहा है कि उसने लगातार तीसरे महीने एक अरब से ज्यादा लेनदेन किया है। यह वृद्धि तेह विस्तार से हुआ है, जो कंपनी ने मझोले व छोटे शहरों में ऑफलाइन भुगतान के मामले में किया है, जहां 1.75 करोड़ से ज्यादा किराना स्टोर का पहले ही डिजिटलीकरण किया जा चुका है। कंपनी ने इसके पहले घोषणा की थी कि वह 2.5 करोड़ किराना दुकानों का डिजिटलीकरण 2021 तक करेगी। फोनपे के संस्थापक और सीईओ समीर निगम ने कहा कि देश में डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म पर शीर्ष स्थान बरकरार रहने से हम उत्साहित हैं।
9.8 प्रतिशत बढ़ सकती है ईंधन की मांग
भारत की ईंधन की खपत वित्त वर्ष 2022 के दौरान 9.8 प्रतिशत बढ़ सकती है। यह पिछले 6 साल के दौरान सबसे तेज बढ़ोतरी होगी। एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश भारत के शुरुआती सरकारी अनुमानों से पता चलता है कि तेल व गैस की तेज मांग की वजह से ऐसा होने की संभावना है।
ईंधन की खपत में ज्यादा वृद्धि की उम्मीद कोविड से प्रभावित औद्योगिक गतिविधियों में तेज सुधार की वजह से की जा रही है। पेट्रोलियम प्लानिंग एनालिसिस सेल (पीपीएसी) की वेबसाइट पर मौजूद आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2021-22 में भारत में 21.524 करोड़ टन रिफाइंड ईंधन की खपत हो सकती है, जबकि 2020-21 के संशोधित अनुमान के मुताबिक 19.594 करोड़ टन खपत की संभावना है।
दिसंबर महीने में भारत की अर्थव्यवस्था वृद्धि की पटरी पर आ गई और पिछले साल की समान अवधि की तुलना में सकल घरेलू उत्पाद में 0.4 प्रतिशत वृद्धि हुई है। आने वाले में महीनों में इस रिकवरी के गति बने रखने की संभावना है। रॉयटर्स