वर्ष 2021 में बिक्री के लिहाज से शीर्ष-20 डेवलपरों की मुंबई की रैंकिंग में ओबरॉय रियल्टी पहले स्थान पर रही और उसने रनवाल गु्रप की जगह ली। रनवाल गु्रप पिछले साल इस संदर्भ में पहले नंबर पर था।
लोढ़ा समूह वर्ष 2017 से पांच में से तीन बार शीर्ष पायदान पर रह चुका है और 2020 में फिसलकर दूसरे स्थान पर रह गया और 2021 में भी समान स्थान पर बना रहा।
ओबरॉय समूह वर्ष 2019 में पहले स्थान पर और वर्ष 2020 में चौथे स्थान पर था। यह पहली बार है जब उसने पहले नंबर पर जगह बनाई है।
रनवाल गु्रप ने 2020 में शीर्ष पायदान पर जगह बनाई और 2021 में यह फिसलकर तीसरे नंबर पर रह गया। बेहद चर्चित गोदरेज प्रॉपर्टीज पीछे है और शीर्ष-10 में जगह बनाने में नाकाम रही है। वह फिलहाल 12वें स्थान पर है।
यह रैंकिंग प्रॉपइक्विटी से हासिल की गई भारतीय रियल एस्टेट के बारे में यूबीएस की रिपोर्ट के आंकड़े पर आधारित है। ओबरॉय समूह ने वर्ष 2021 में 44 अरब डॉलर की बिक्री की, जबकि लोढा के लिए यह आंकड़ा 36 अरब डॉलर और रनवाल गु्रप के लिए 34 अरब डॉलर रहा।
गोदरेज प्रॉपर्टीज ने 8 अरब रुपये की बिक्री दर्ज की, जो शापूरजी पलोंजी, हीरानंदानी समूह और इंडियाबुल्स रियल एस्टेट के आंकड़े से नीचे है।
मुंबई एक प्रमुख बाजार है, क्योंकि यहां डेवलपर अन्य भारतीय टियर-1 शहर या महानगर के मुकाबले अच्छा मार्जिन कमाते हैं। यूबीएस के शोध से पता चलता है कि 2020 में, मुंबई का कुल बिक्री में 10 प्रतिशत योगदान रहा और 23 प्रतिशत बिक्री और 33 प्रतिशत एबिटा आठ शहरों- हैदराबाद, पुणे, बेंगलूरु, ठाणे और अहमदाबाद तथा अन्य से हासिल हुआ।
यही वजह है कि अन्य शहरों के नए डेवलपर भी मुंबई में प्रवेश करना चाहते हैं। अनुमानों के अनुसार, हैदराबाद और मुंबई बड़ी तादाद में नए डेवलपरों को आकर्षित कर रहे हैं।
हैदराबाद में नए डेवलपरों का प्रतिशत 2021 में सभी सक्रिय डेवलपरों का करीब 18-19 प्रतिशत और मुंबई में 11-12 प्रतिशत रहा। इसके विपरीत, गुरुग्राम और नोएडा के लिए नई कंपनियों के लिए यह आंकड़ा दो प्रतिशत से नीचे रहा। हालांकि पुणे 11 प्रतिशत के योगदान के साथ दूसरे शहरों से अलग रहा।
2021 में सबसे पहले प्रवेश करने वाली कंपनियों में प्रेस्टीज गु्रप, पूर्वांकरा शामिल थीं, जो बेंगलूरु और बिड़ला एस्टेट्स में स्थित हैं। यह भी सुना जा रहा है कि देश की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनियों में से एक डीएलएफ फिर से मुंबई आ सकती है।
